Bihar Health Card: बिहार के आंगनबाड़ी ने कायम किया रिकॉर्ड, बच्चों का हेल्थ कार्ड बनवाने में देश भर में हासिल किया दूसरा स्थान, जानें पहले नंबर पर कौन
Bihar Health Card: बिहार में ICDS द्वारा 95 लाख पंजीकृत बच्चों में से 29 लाख को हेल्थ आईडी कार्ड जारी किया गया है। इससे बच्चों को मुफ्त इलाज, दवा और ऑनलाइन मेडिकल रिकॉर्ड की सुविधा मिलेगी।
Bihar Health Card: बिहार सरकार का समेकित बाल विकास सेवाएं (ICDS) निदेशालय अब बच्चों के स्वास्थ्य को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है। दिसंबर 2024 से शुरू हुए इस विशेष अभियान के तहत 95 लाख पंजीकृत बच्चों में से अब तक 29 लाख 8 हजार 420 बच्चों का हेल्थ आईडी कार्ड बन चुका है।
इसका अर्थ है कि महज 5 महीनों में 26.15% बच्चे अब डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं की छाया में आ चुके हैं — एक ऐसा कदम जो बाल मृत्यु दर में कमी, समय पर इलाज और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को नए स्तर पर ले जाएगा।
क्या है हेल्थ आईडी कार्ड और इसके लाभ?
यह एक डिजिटल कार्ड है जिसमें किसी बच्चे का पूरा हेल्थ रिकॉर्ड, जैसे टीकाकरण, वजन, ऊंचाई, बीमारियों का इतिहास, दवाइयां आदि, ऑनलाइन स्टोर किया जाता है। इसके कई तरह के फायदे हैं। डॉक्टर की पर्ची की जरूरत नहीं होती है डॉक्टर कार्ड स्कैन करके ही बच्चे का पूरा इतिहास जान सकता है। देशभर के किसी भी राज्य में सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज संभव है। कार्डधारी बच्चों को सरकारी स्कीम्स के तहत मुफ्त दवाइयां मिलती है। हेल्थ डेटा पहले से मौजूद होने से इलाज में देरी नहीं होती है। यह कार्ड आयुष्मान भारत, स्वास्थ्य विभाग, और आंगनबाड़ी नेटवर्क से लिंक किया जा रहा है।
ICDS और आंगनबाड़ी की भूमिका
बिहार में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या हजारों में है, जहां बच्चों की पंजीकरण प्रक्रिया, निरंतर निगरानी, और अब हेल्थ आईडी कार्ड निर्माण का कार्य भी किया जा रहा है।ICDS के कर्मियों को टेबलेट/मोबाइल ऐप के माध्यम से डेटा अपलोड करने का प्रशिक्षण दिया गया है, ताकि बच्चों की पोषण स्थिति, बीमारियों का ट्रैक, और वैक्सीनेशन रिकॉर्ड अपडेट रहे।