BIHAR INTER EXAM 2025 - कल से शुरू हो रहे इंटर परीक्षा को लेकर बिहार बोर्ड सख्त, परीक्षा से आधे घंटे पहले गेट होगा बंद, 12.9 लाख बच्चे होंगे शामिल

BIHAR INTER EXAM 2025 - बिहार बोर्ड द्वारा कल से शुरू हो रहे इंटर परीक्षा को लेकर पूरी तैयारी की गई है। न सिर्फ पेपरलीक को रोकने के लिए निगरानी की विशेष व्यवस्था की है, बल्कि सेंटर के अंदर किसी को मोबाइल ले जाने पर रोक लगा दिया है।

BIHAR INTER EXAM 2025 - कल से शुरू हो रहे इंटर परीक्षा को लेकर बिहार बोर्ड सख्त, परीक्षा से आधे घंटे पहले गेट होगा बंद, 12.9 लाख बच्चे होंगे शामिल

PATNA - कल से बिहार इंटर परीक्षा शुरू होने जा रही है। जिसको लेकर बिहार बोर्ड ने पूरी तैयारी कर ली है। साथ ही परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों और उनके साथ आनेवाले गार्जियन के लिए जरूरी गाइडलाइन जारी कर दिया है। जिसके अनुसार परीक्षा के शुरू होने के पहले इंट्री गेट को बंद कर दिया जाएगा। मतलब परीक्षार्थी गेट बंद होने के बाद इंट्री नहीं कर पाएंगे। इसके अलावा कुछ और जरुरी गाइडलाइन जारी किया गया है, जिनका पालन करना अनिवार्य है। 

आधे घंटे पहले बंद होगा गेट

परीक्षा दो शिफ्ट में होगी। पहली पाली सुबह 9.30 से दोपहर 12.45 तक। दूसरी पाली- दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 5.15 बजे तक। क्वेश्चन पेपर पढ़ने का 15 मिनट भी इसी में शामिल होगा।

बोर्ड की तरफ से इस बार स्टूडेंट्स को हिदायत दी गई है कि वे परीक्षा शुरू होने से 1 घंटे पहले सेंटर पर पहुंच जाएं। सुबह 8.30 बजे से एंट्री गेट आधे घंटे के लिए खुलेगा और 9 बजे बंद हो जाएगा। इसके बाद स्टूडेंट्स को एंट्री नहीं मिलेगी। इसी तरह दूसरी पाली के लिए 1 बजे एंट्री शुरू होगी और 1.30 बजे एंट्री गेट बंद हो जाएगा।

बाउंड्री फांदे तो 2 साल के लिए बैन

एंट्री गेट बंद हो जाने के बाद अगर कोई स्टूडेंट्स बाउंड्री फांद कर एंट्री करने की कोशिश करेगा तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, ऐसा करने वाले स्टूडेंट को दो साल के लिए परीक्षा से सस्पेंड कर दिया जाएगा। साथ ही परीक्षार्थी पर FIR की जाएगी। स्टूडेंट्स के अलावा अगर इस काम में केंद्राधीक्षक की मिलीभगत मिली तो उनपर भी परीक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। मजिस्ट्रेट भी इसकी जद में आ सकते हैं।

चिट मिला तो वीक्षक पर भी एक्शन

क्लासरूम में एंट्री से पहले स्टूडेंट्स की दो लेवल पर फिरिस्किंग होगी। पहली मेन गेट पर। यहां वीक्षक के अलावा पुलिस की टीम करेगी। दूसरी क्लास रूम के भीतर। यहां वीक्षक करेंगे। इसके लिए हर 25 बच्चे पर एक वीक्षक की प्रतिनियुक्ति की गई है। वीक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि ये बच्चों की अच्छे तरीके से चेकिंग कर लें। इसके बाद वीक्षकों को इस बात की स्वीकृति देनी होगी कि उन्होंने सारे बच्चों की फ्रिस्किंग अच्छे से कर ली है और किन्हीं के पास किसी तरह का कोई चिट-पूर्जा या कोई अवांछित सामग्री नहीं है। इसके बाद अगर जांच में चिट मिलता है तो केवल स्टूडेंट्स पर ही नहीं बल्कि वीक्षक पर भी कार्रवाई होगी।

इलेक्ट्रीक उपकरण ले जाने की मनाही

 परीक्षा केंद्र में किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यह नियम न सिर्फ छात्रों पर लागू होगा, बल्कि सेंटर में मौजूद वीक्षकों पर लागू होगा। अगर स्पेशल टीम के औचक निरीक्षण में किसी वीक्षक के पास कोई मोबाइल मिलता है तो वीक्षक पर भी एक्शन होगा।

सेंटरों पर भेजे गए परीक्षार्थियों के फोटो वाली कॉपी

लगभग सेंटर को परीक्षार्थियों की संख्या के आधार पर कॉपी भेज दी गई है। इसमें सभी स्टूडेंट्स के रोल नंबर के साथ फोटो भी है। वहीं, सवाल को फिलहाल बैंक में रखा गया है। इसे परीक्षा के दिन ही बैंक से सेंटर तक पहुंचाया जाएगा।

5 फरवरी तक जूता-मोजा की पाबंदी हटाई गई

सर्दी को देखते हुए बोर्ड की तरफ से जूता-मोजा पहनने की अनुमति छात्रों को दी गई है। 5 फरवरी तक स्टूडेंट्स जूता-मोजा पहन कर सेंटर पर जा सकते हैं। 5 फरवरी के बाद एक बार मौसम का रिव्यू किया जाएगा, इसके आधार पर तय होगा कि जूता-मोजा पर पाबंदी लगाई जाए या नहीं। पिछले साल ठंड को देखते हुए बोर्ड की तरफ से रियायत दी गई थी। इस बार बोर्ड की तरफ से इस पर सख्ती बढ़ा दी गई है।

पेपरलीक से बचने के लिए पूरी तैयारी

पेपर लीक और परीक्षा में भ्रष्टाचार की किरकिरी से बचने के लिए बिहार बोर्ड की तरफ से इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। परीक्षा में गड़बड़ी न हो इसकी मॉनिटरिंग खुद बोर्ड कर रहा है। हर सेंटर में CCTV कैमरे लगाए गए हैं। इसका कंट्रोल एंड कमांड सेंटर बोर्ड ऑफिस को बनाया गया है।

13 लाख के करीब परीक्षार्थी

बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षा 1 फरवरी से शुरू होगी, जो 15 फरवरी तक चलेगी। इस बार परीक्षा में 12,90, 213 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसमें 6,41,847 छात्राएं और 6,50,466 छात्र हैं। इसके लिए राज्य भर में लगभग 1677 सेंटर बनाए गए हैं, जो पिछली बार से लगभग 150 ज्यादा हैं।



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