Bihar CBSE School: मानक नहीं पूरा करने वाले देश भर में CBSE ने 127 निजी स्कूलों की मान्यता की रद्द, पटना के दो बड़े स्कूल भी शामिल, मचा हड़कंप
Bihar CBSE School: सीबीएसई ने मानक पूरा नहीं करने वाले 127 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की, पटना के दो बड़े स्कूल भी सूची में शामिल। जानिए सीबीएसई के मानदंड और स्कूलों की खामियां।

Bihar CBSE School: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने हाल ही में शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए देशभर के 127 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। ये सभी स्कूल सीबीएसई के मानकों पर खरे नहीं उतर पाए थे। इनमें पटना के दो बड़े स्कूलों का नाम सामने आने से स्थानीय स्तर पर हड़कंप मच गया है। सीबीएसई ने संबंधित बच्चों को पास के वैध स्कूलों में शिफ्ट करने का निर्देश दिया है।
यह निर्णय न केवल स्कूल प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि अभिभावकों के लिए भी एक जागरूकता का संदेश है कि वे नामांकन से पहले स्कूल की साख की गहराई से जांच करें।
स्कूल वेबसाइट और डेटा अपडेट की भारी अनदेखी
सीबीएसई की इस कार्रवाई की सबसे बड़ी वजहों में से एक रही है स्कूलों की वेबसाइट पर जानकारी का अद्यतन न होना। सीबीएसई के नियमों के अनुसार, प्रत्येक मान्यता प्राप्त स्कूल को अपनी वेबसाइट पर निम्नलिखित जानकारी नियमित रूप से अपडेट करनी होती है:
नामांकित छात्रों की संख्या
प्रत्येक कक्षा में सेक्शन व छात्रों की संख्या
शिक्षकों की संख्या व योग्यता
निर्धारित शुल्क
बुनियादी सुविधाएं जैसे शौचालय, खेल का मैदान, लाइब्रेरी आदि, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, अधिकतर निजी स्कूल इस मानक की अवहेलना कर रहे हैं, जिससे बोर्ड को यह कार्रवाई करनी पड़ी।
ज़मीन, कमरे और भौतिक ढांचे में भी बड़ी गड़बड़ियां
सीबीएसई के दिशानिर्देशों के मुताबिक, किसी भी स्कूल को मान्यता के लिए कम से कम दो एकड़ जमीन अनिवार्य है। इसके साथ ही भवन की संरचना में पर्याप्त संख्या में कक्ष होना चाहिए:
कक्षा 10वीं तक के लिए: कम से कम 12 कमरे
कक्षा 12वीं तक के लिए: कम से कम 6 अतिरिक्त कमरे
पटना के कई स्कूल इन बुनियादी शर्तों को भी पूरा नहीं कर पाए। कुछ स्कूल तो आवासीय परिसरों में चलाए जा रहे थे, जो सीबीएसई के नियमों का खुला उल्लंघन है। यही नहीं, कुछ स्कूलों के दस्तावेजों में दर्शाया गया लोकेशन वास्तव में स्कूल की भौगोलिक स्थिति से मेल नहीं खा रहा।
एक मान्यता पर कई शाखाएं: बड़ी गड़बड़ी का संकेत
सीबीएसई द्वारा नोट की गई एक और गंभीर समस्या यह है कि कई स्कूल एक ही मान्यता के आधार पर गलियों और मोहल्लों में अपनी शाखाएं चला रहे हैं। यह सरासर नियमों का उल्लंघन है। बोर्ड ने अभिभावकों को चेतावनी दी है कि नामांकन से पहले स्कूल का यू-डायस कोड अवश्य जांचें, जिससे उन्हें पता चल सके कि स्कूल वैध है या नहीं।
बिहार पब्लिक स्कूल एसोसिएशन की प्रतिक्रिया
बिहार पब्लिक स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. डीके सिंह ने बताया कि सीबीएसई के दिशा-निर्देशों के अनुसार स्कूल संचालन के लिए कम से कम दो एकड़ जमीन होनी चाहिए। स्कूल भवन में कम से कम 20 से 25 कमरे होने चाहिए। जमीन का डीड बोर्ड के नाम पर वैध रूप से होना चाहिए।इन मानकों की पूर्ति न करने पर बोर्ड स्कूल की मान्यता रद्द कर सकता है, जैसा हालिया कार्रवाई में हुआ है।