Bihar News: सीएम नीतीश सहित बिहार के कई मंत्रियों और विधायकों का बिल फंसा, 8 लाख कर्मचारियों का भी वेतन रुका, सामने आई बड़ी वजह
Bihar News: बिहार सरकार के वित्तीय लेन देन पिछले 20 दिनों से ठप है। सीएम नीतीश सहित बिहार के मंत्री, विधायकों का बिल फंसा हुआ है। करीब 8 लाख कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।
Bihar News: बिहार सरकार का खाता फिलहाल फ्रीज हो गया है, जिससे किसी भी प्रकार का वित्तीय लेन-देन संभव नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री सीएम नीतीश सहित बिहार सरकार के कई मंत्रियों और विधायकों तक के बिल अटके हुए हैं। राज्य के करीब 8 लाख कर्मचारियों को दिसंबर महीने की सैलरी अब तक नहीं मिली है। इससे कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। विभाग का वित्तीय लेन-देन भी ठप हो गया है। इस मामले में वित्त मंत्री सह डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी का कहना है कि CFMS 2.0 शुरु किया गया है जिससे कारण बिल रुके हैं एक हफ्ते में ठीक हो जाएगा।
तकनीकी समस्या से अटका भुगतान
दरअसल, बिहार सरकार ने 3 जनवरी को वेतन और बिल भुगतान के लिए नया सॉफ्टवेयर CFMS 2.0 (कंप्रिहेंसिव फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) लॉन्च किया था। हालांकि, लॉन्चिंग के साथ ही तकनीकी खामी सामने आ गई, जो 20 दिनों बाद भी ठीक नहीं हो सकी है। इस कारण वेतन और अन्य वित्तीय बिलों का भुगतान अटका हुआ है।
सीएम से लेकर सीनियर अफसरों तक का बिल अटका
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री सम्राट चौधरी, पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा और श्रवण कुमार जैसे कई मंत्रियों के ट्रैवल बिल फंसे हुए हैं। इसके अलावा, बिहार के वरिष्ठ IAS और IPS अधिकारियों का भी दिसंबर का ट्रैवल बिल अब तक जारी नहीं हो पाया है। खासतौर पर वे अधिकारी प्रभावित हुए हैं जो दिसंबर में राज्य से बाहर गए थे।
8 लाख कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली
तकनीकी दिक्कत के कारण 3 लाख क्षेत्रीय कर्मचारियों, 5 लाख शिक्षकों और 50 हजार संविदा कर्मियों को दिसंबर की सैलरी नहीं मिल पाई है। हालांकि, सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन मिल चुका है।
27 जनवरी तक समाधान का दावा
वित्त विभाग ने भरोसा जताया है कि अगले चार दिनों में यह समस्या ठीक हो जाएगी। विभाग का कहना है कि सॉफ्टवेयर का अपग्रेड वर्जन धीरे-धीरे रन कर रहा है। मुख्य सचिव ने इस मामले में बेलट्रॉन को कड़े निर्देश दिए हैं, जो राज्य सरकार का मुख्य डाटा सेंटर है।
केंद्र सरकार के दबाव में लॉन्च हुआ CFMS 2.0
बिहार सरकार ने केंद्र सरकार के दबाव में 3 जनवरी को CFMS 2.0 लॉन्च किया। केंद्र सरकार ने नए वर्जन की अनुपस्थिति के चलते अपने हिस्से का फंड रोक रखा था। वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने 31 जनवरी तक नए वर्जन को लागू करने का निर्देश दिया था।
डेटा ट्रांसफर और HRMS की समस्या
नए सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियां सामने आई हैं। सरकार का पुराना डेटा नए सिस्टम में ट्रांसफर नहीं हो पाया है। इसके अलावा HRMS (ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम) भी सही तरीके से काम नहीं कर रहा है, जिससे कर्मचारियों की जानकारी, जैसे- अकाउंट नंबर आदि, सिस्टम में प्रदर्शित नहीं हो रही है।
हर महीने 6 हजार करोड़ का सैलरी भुगतान
वित्त विभाग के मुताबिक, बिहार सरकार सालाना 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक अपने कर्मचारियों के वेतन पर खर्च करती है। औसतन हर महीने 6 हजार करोड़ रुपए वेतन भुगतान के लिए ट्रांसफर किए जाते हैं। तकनीकी समस्या के चलते इस बार यह प्रक्रिया बाधित हो गई है।