Bihar New Labour Laws 2026: जनवरी 2026 से बिहार में लागू होंगे 4 नए श्रम कानून, 3.5 करोड़ मजदूरों को होगा सीधा फायदा

Bihar New Labour Laws 2026: बिहार सरकार जनवरी 2026 से चार नए श्रम कानून लागू करने जा रही है। जानिए मजदूरों को मिलने वाले बड़े फायदे, मुफ्त स्वास्थ्य जांच, ग्रेच्युटी नियम, गिग वर्कर्स और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों से जुड़े अहम बदलाव।

बिहार में लागू होंगे 4 नए श्रम कानून- फोटो : social media

Bihar New Labour Laws 2026: बिहार सरकार ने राज्य के श्रमिकों के लिए एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। जनवरी 2026 से राज्य में चार नए श्रम कानून लागू किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य मजदूरों को ज्यादा सुरक्षा, सम्मान और स्थायी अधिकार देना है। सरकार का कहना है कि इन सुधारों से संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों को सीधा फायदा पहुंचेगा। श्रम विभाग के अनुसार इन कानूनों की नियमावली का मसौदा सार्वजनिक कर दिया गया है और आम लोगों से सुझाव भी लिए जा रहे हैं, ताकि अंतिम रूप देने से पहले मजदूरों की जरूरतों को ध्यान में रखा जा सके।

मजदूरों की सेहत पर पहली बार इतना बड़ा फोकस

नए कानूनों में श्रमिकों के स्वास्थ्य को केंद्र में रखा गया है। अब चालीस वर्ष से अधिक उम्र के सभी मजदूरों की हर साल मुफ्त स्वास्थ्य जांच कराना अनिवार्य होगा। इससे गंभीर बीमारियों का समय रहते पता चलेगा और इलाज आसान हो सकेगा। लंबे समय से मेहनत करने वाले मजदूरों के लिए यह बदलाव बेहद राहत देने वाला माना जा रहा है।

ग्रेच्युटी नियम में ऐतिहासिक बदलाव

अब तक किसी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए कम से कम पांच साल तक नौकरी करनी पड़ती थी, लेकिन नए श्रम कानूनों में यह शर्त बदल दी गई है। अब केवल एक साल की सेवा के बाद ही कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार होगा। इससे खासकर ठेके पर या कम अवधि के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।

नियुक्ति पत्र अब हर मजदूर का अधिकार

नए कानूनों के लागू होने के बाद किसी भी कर्मचारी को बिना नियुक्ति पत्र के काम पर रखना संभव नहीं होगा। हर कंपनी और संस्थान को अपने कर्मचारियों को लिखित अपॉइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य किया गया है। इससे वेतन, काम की शर्तों और पद को लेकर होने वाले विवादों में काफी कमी आएगी।

कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को मिलेगी बराबरी

अब तक ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों की तुलना में कम सुविधाएं मिलती थीं। नए श्रम कानूनों में इस असमानता को खत्म करने की कोशिश की गई है। कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को समान वेतन, समान छुट्टियां और चिकित्सा सुविधाएं देने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा तय समय से ज्यादा काम कराने पर दोगुना ओवरटाइम भुगतान देना भी जरूरी होगा।

गिग वर्कर्स पहली बार कानून के दायरे में

डिलीवरी, कैब और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुड़े लाखों गिग वर्कर्स अब तक किसी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में नहीं आते थे। नए श्रम कानूनों में इन्हें पहली बार आधिकारिक पहचान और सुरक्षा देने की व्यवस्था की गई है। यह कदम बदलते रोजगार मॉडल के अनुरूप एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।

नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा

महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नए कानूनों में नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी क्षेत्रों में न्यूनतम मजदूरी का भुगतान समय पर हो।

29 कानूनों की जगह सिर्फ 4 लेबर कोड

बिहार में श्रम कानूनों को सरल और प्रभावी बनाने के लिए 29 पुराने कानूनों की जगह अब सिर्फ चार लेबर कोड लागू किए जाएंगे। इससे पंजीकरण, लाइसेंस और अनुपालन की प्रक्रिया आसान होगी। सिंगल रजिस्ट्रेशन और सिंगल लाइसेंस सिस्टम से नियोक्ताओं और मजदूरों दोनों को सुविधा मिलेगी