Bihar water resource -बिहार में जल स्रोतों की जानकारी के लिए राजस्व विभाग करने जा रही है यह काम, मिलेगी सटीक जानकारी
Bihar water resource -बिहार में जल स्रोतों की जानकारी के लिए एटलस तैयार किया जा रहा है। इससे पानी की उपलब्धता की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलेगी।
Patna - बिहार के गांवों और शहरों में जल स्रोतों की जानकारी के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एटलस तैयार कराने का फैसला लिया है। जिस पर शुरूआत में दो प्रमंडलों में काम शुरू कर दिया गया है। जल्द ही राज्य के अन्य प्रमंडलों में इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए एक साल का लक्ष्य तय किया गया है।
एटलस प्रकाशित करने का निर्देश
दरअसल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से प्रकाशित गजेटियर कम-एटलस ऑफ वाटर बॉडीज ऑफ बिहार तैयार किया जा रहा है, जिसमें राज्य के गांवों और पंचायतों के जल स्रोतों की जानकारी भी शामिल होगी। पिछले दिनों मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में एटलस के विषय वस्तु पर चर्चा हुई। बताया गया कि इस समय पूर्णिया एवं सहरसा प्रमंडल के जिलों के गजेटियर की प्रकाशन की तैयारी हो रही है।
तय हुआ कि गांवों के जल स्रोतों की मानचित्र के साथ जानकारी का प्रकाशन इन्हीं दोनों प्रमंडलों के गजेटियर से किया जाए। अगले प्रकाशन में अन्य जिलों के गजेटियर में भी इसे शामिल किया जाएगा।
अंचलाधिकारियों को निर्देश
संबंधित विभागों को कहा गया कि वे अंचलाधिकारियों को मानचित्र और विवरण उपलब्ध करा दें। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला गजेटियर के प्रकाशन के लिए एक समिति के गठन का भी निर्णय लिया गया। गजट प्रकाशन के लिए एक साल का समय निर्धारित किया गया है।
तालाबो का होगा यूआईडी नंबर
बिहार में अब तालाबों का यूआइडी नम्बर (यूनिक आइडेंटीफिकेशन नम्बर) होगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए निर्देश जारी किये हैं। साथ ही इन तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कहा गया है। फिर भी अभी तक यह अभियान पूरा नहीं हो पाया है।