पटना हाईकोर्ट के 150 वकीलों ने सीजेआई को लिखा लेटर, न्यायिक व्यवस्था में कमियों पर उठाए सवाल
Patna - पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता वसंत कुमार चौधरी समेत लगभग डेढ़ सौ वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखा है। भारत के न्यायिक व्यवस्था में व्याप्त कमियों,गड़बड़ियों व कथित भ्रष्टाचार के मामलों पर गंभीर चिंता व्यक्त इस पत्र में व्यक्त की है।भारत के संविधान के अनुसार कानून के दृष्टि में सभी बराबर है और सबके साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए।
जज पर कार्रवाई नहीं होने पर जताई चिंता
उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि भारतीय न्यायिक व्यवस्था में जिस तरह से जज के घर से जले हुए नोट मिले,वह एक अभूतपूर्व घटना है।लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात है कि उनके विरुद्ध कानून के अनुसार कार्रवाई करने की जगह उनका स्थानांतरण दूसरे हाईकोर्ट में कर दिया गया।
न्यायपालिका में कम हो रहा लोगों का विश्वास
इन घटनाओं से आम जनता में न्यायपालिका में विश्वसनीयता कम होती जा रही है, जो एक गंभीर विषय है।भारत के संविधान ने आपराधिक मामलों के अंतर्गत कोई अलग से प्रशासनिक व्यवस्था उच्च पदस्थ लोगों के लिए नहीं किया है। न्यायपालिका की स्वतंत्रता,मर्यादा और गरिमा बनाये रखना राष्ट्रहित में है। लेकिन ऐसी घटनाओं से न्यायपालिका को बचाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। न्यायपालिका में आ रही विश्वसनीयता की कमी आम जनता विश्वास डगमगा रहा है। जजों को सामान्य संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत नहीं परखा जा रहा है, इससे आमलोगों को नायपालिका के लिए सम्मान और विश्वास की कमी हो रही है, जो गंभीर विषय है।
कॉलेजियम की समीक्षा को बताया जरुरत
उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्ति में वर्तमान कालेजियम व्यवस्था की भूमिका की समीक्षा आवश्यक है। जजों की निष्पक्ष और पारदर्शी नियुक्ति के लिए ही नही,आम जनता के विश्वास बनाये रखने के लिए ये जरूरी है।
इस पत्र में वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से ये अनुरोध किया कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता, पारदर्शिता, निष्पक्षता, गरिमा बनाये रखने के लिए ठोस व सख्त कदम उठाये,ताकि आम लोगों विश्वास न्यायपालिका पर बना रहे। आम जनता उसी विश्वास के न्यायिक व्यवस्था में आये,जिससे उन्हें सहज और निष्पक्ष तरीके से त्वरित न्याय मिल सके।साथ की न्यायपालिका की स्वतंत्रता,प्रतिष्ठा,गरिमा और सम्मान में बढ़ोतरी होती जाये।