राजस्व महा–अभियान में एक महीने में आ गए रिकॉर्ड 45 लाख आवेदन, इस जिले से ज्यादा सबसे ज्यादा एप्लीकेशन, जानें अब क्या करेगा विभाग

45 लाख आवेदन मिले राजस्व महाभियान में- फोटो : न्यूज4नेशन

Patna - राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक चलाए गए राजस्व महा–अभियान को राज्यवासियों से जबरदस्त प्रतिसाद मिला है। इस अभियान के दौरान कुल 44,95,887 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से सर्वाधिक आवेदन जमाबंदी में त्रुटि सुधार हेतु आए हैं।

•प्राप्त आवेदनों का विवरण:

जमाबंदी त्रुटि सुधार: 33,72,694

ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने हेतु: 5,74,252

उत्तराधिकार नामांतरण: 2,97,195

बंटवारा नामांतरण: 2,51,746

जिलावार प्रदर्शन: औरंगाबाद सबसे आगे

औरंगाबाद जिले ने 3,00,608 आवेदनों के साथ पूरे राज्य में पहला स्थान प्राप्त किया। इसके बाद क्रमशः गोपालगंज (2,24,608), दरभंगा (2,17,799), समस्तीपुर (2,11,416), गया (2,05,372) और पटना (2,00,662) का स्थान रहा।

शीर्ष 10 जिलों में इनके अलावा अररिया, सुपौल, मधुबनी, पूर्वी चंपारण और सिवान भी शामिल हैं। अन्य जिलों में सीतामढ़ी, नालंदा, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, रोहतास, बांका, खगड़िया, जमुई और वैशाली ने भी उल्लेखनीय भागीदारी की है।

इस महा–अभियान के अंतर्गत रैयतों को उनके घर तक जमाबंदी पंजी की प्रति उपलब्ध कराई गई। इस दौरान जमाबंदी में त्रुटि सुधार, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करने, उत्तराधिकार एवं बंटवारा नामांतरण के आवेदन लिए गए। अब इन आवेदनों का अंचलस्तर पर ऑनलाइन संधारण किया जा रहा है।

आवेदन अपलोडिंग और सत्यापन प्रक्रिया:

इस बीच विभाग ने निर्देश जारी कर कहा है कि शिविरों में ऑफलाइन लिए गए सभी आवेदन 26 सितम्बर तक महा-अभियान पोर्टल पर अनिवार्य रूप से अपलोड कर दिए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने प्रमंडलीय आयुक्तों और सभी समाहर्त्ताओं को पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया है कि अंतिम दिनों में भीड़ और तकनीकी समस्या के कारण कई स्थानों पर आवेदन ऑफलाइन लिए गए थे, जिन्हें अब निर्धारित समय सीमा के भीतर ऑनलाइन करना जरूरी है। यह जिम्मेदारी अंचलाधिकारियों की होगी और कार्य केवल उन्हीं कर्मियों के लॉगिन से किया जाएगा, जिन्हें अंचलाधिकारी ने अधिकृत किया है। आवेदनों के अपलोड होने पर आवेदक को पूर्ववत एसएमएस से सूचना दी जाएगी।

आवेदन संधारण की जांच:

विभाग ने 22 से 27 सितंबर 2025 तक शिविरों में प्राप्त प्रपत्रों और आवेदनों के संधारण की जांच का भी निर्णय लिया है। इसके लिए सभी 38 जिलों में पदाधिकारियों का भ्रमण कार्यक्रम तय किया गया है।

जिम्मेदार अधिकारी – सचिव, निदेशक, अपर सचिव, संयुक्त सचिव और विशेष कार्य पदाधिकारी – अपने-अपने जिलों में जाकर यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी आवेदन सुरक्षित और सुव्यवस्थित रूप से संधारित किए गए हैं।

राजस्व महा-अभियान, राज्य में भूमि संबंधी समस्याओं के समाधान की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल सिद्ध हुआ है।

ज्ञात हो कि अभियान से पूर्व भी ये सभी सेवायें ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध थीं तथा अभियान की समाप्ति के बाद भी बिहारभूमि पोर्टल पर चारों सेवाएं (जमाबंदी सुधार, ऑफलाइन से ऑनलाइन जमाबंदी, उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा नामांतरण) पूर्व की भांति अब भी ऑनलाइन मोड में उपलब्ध हैं। आमजनों की सुविधा के लिये विभाग द्वारा उक्त चार सेवायें नियमित समय के लिये कैम्प मोड में ऑफलाइन माध्यम से भी प्रदान की गईं।