Train Accident: नई दिल्ली से दरभंगा का आ रही बिहार संपर्क क्रांति हादसे की हुई शिकार, मची अफरा-तफरी, दो घंटे तक रुकी रही ट्रेन

Train Accident: नई दिल्ली से दरभंगा आ रही बिहार संपर्क क्रांति बीच रास्ते में हादसे की शिकार हो गई। बड़ी लापरवाही के कारण ट्रेन हादसे की शिकार हुई हालांकि वक्त रहते लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी। यदि ट्रेन नहीं रुकती तो यह हादसा ट्रेन पलटने में तब्दील.

बिहार संपर्क क्रांति हादसे की शिकार- फोटो : social media

Train Accident: नई दिल्ली से दरभंगा आ रही बिहार संपर्क क्रांति हादसे की शिकार हो गई। बिहार आते समय गाजियाबाद में  ड्रिल मशीन इंजन टैंक में घुसी गई। जिससे मौके पर अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया। आनन फानन में रेलवे आधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरु कर दी। इस दौरान करीब 2 घंटे तक ट्रेन रुकी रही। बताया जा रहा है कि गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पास मरम्मत कार्य के दौरान लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। वक्त रहते बात संभल गई नहीं तो यह हादसा बड़ी घटना में तब्दील हो सकता था। 

हादसे की शिकार हुई बिहार संपर्क क्रांति

दरअसल, नई दिल्ली से दरभंगा जा रही बिहार संपर्क क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस में रविवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के पास मरम्मत कार्य के दौरान लापरवाही के चलते एक भारी भरकम ड्रिल मशीन ट्रेन के इंजन की पावर कार के डीजल टैंक में घुस गई। जिससे डीजल का तेज रिसाव शुरू हो गया। वहीं ट्रेन के अलीगढ़ आउटर पहुंचने पर लोको पायलट को डीजल रिसाव की जानकारी मिली। जिसके बाद ट्रेन को तत्काल रोका गया। लगभग दो घंटे तक ऑपरेशन चलाकर स्थिति को नियंत्रण में लाया गया और ट्रेन को शाम पांच बजे अलीगढ़ से फिर रवाना किया गया।

कैसे हुआ हादसा?

रेलवे सूत्रों के अनुसार, पत्थर तोड़ने और दीवार में छेद करने वाली यह ड्रिलिंग मशीन गाजियाबाद में चल रहे कार्यस्थल से ट्रैक की ओर फिसल गई। लोको पायलट केएन शुक्ला ने बताया कि उन्हें इस बात की भनक नहीं लगी कि कब मशीन डीजल टैंक में जा घुसी। आरपीएफ ने मौके से मशीन को जब्त कर लिया है। जांच में पता चला कि यह मशीन बृजेश नामक ठेकेदार की थी जो छुट्टी पर था और उसकी अनुपस्थिति में काम धर्मपाल मुंशी कर रहा था। धर्मपाल ने बताया कि गाजियाबाद स्टेशन से करीब 200 मीटर पूर्व की दिशा में रेलवे यार्ड में मरम्मत कार्य चल रहा था। लंच ब्रेक के दौरान मशीन वहीं रह गई। जो संभवतः पटरी पर आ गई और ट्रेन के संपर्क में आ गई।

दो घंटे तक रुकी रही ट्रेन 

रेलवे अधिकारियों के निर्देश पर डीजल टैंक से करीब 1050 लीटर डीजल निकालकर टैंक को खाली किया गया। ट्रेन को तब तक रोके रखा गया जब तक रिसाव पूरी तरह बंद नहीं किया गया। यह हादसा ट्रेन पलटने जैसी बड़ी दुर्घटना में तब्दील हो सकता था। अगर ड्रिल मशीन पहिए के नीचे आ जाती। इस पूरे घटनाक्रम से रेलवे की गंभीर लापरवाही उजागर हुई है। वहीं पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन में ड्रिल मशीन के टैंक में फंसने की जानकारी मिली है। गाजियाबाद स्टेशन के स्तर पर लापरवाही प्रतीत होती है। मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।"