जदयू के बाद अब भाजपा ने भी बागी नेताओं पर शुरू की कार्रवाई, विधायक को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता

Bhagalpur -   बिहार विधानसभा चुनाव के बीच सियासी सरगर्मी चरम पर है। भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए कहलगांव के विधायक पवन यादव को पार्टी से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। इससे एक दिन पहले ही जेडीयू ने अपने गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल को भी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। टिकट नहीं मिलने के बाद गोपाल मंडल गोपालपुर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि यहां पार्टी द्वारा शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल को अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया गया है।

इस प्रकार जिले के दो एनडीए विधायक निष्कासन की कार्रवाई की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, पीरपैंती से भाजपा विधायक ललन पासवान भी टिकट से वंचित हो चुके हैं। टिकट कटने के बाद से वे नेपथ्य में मौन हैं। रविवार को ही भाजपा ने कहलगांव विधानसभा क्षेत्र के चार मंडल अध्यक्षों और एक विधानसभा संयोजक पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की है। इनमें शामिल हैं - सन्नी यादव, मंडल अध्यक्ष, कहलगांव (गोराडीह पश्चिम), श्रवण कुशवाहा, मंडल अध्यक्ष, कहलगांव (चटपटिया), उत्तम चौधरी, नगर मंडल अध्यक्ष, कहलगांव, मारुति नंदन (मारुति), ग्रामीण मंडल अध्यक्ष, कहलगांव, पवन चौधरी, विधानसभा संयोजक, कहलगांव।

प्रदेश मुख्यालय से जारी पत्र में कहा गया है कि पवन यादव ने एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरकर न केवल गठबंधन की मर्यादा का उल्लंघन किया है, बल्कि पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचाया है। 

प्रदेश मुख्यालय प्रभारी आबित शमी (अरविन्द शर्मा) ने पत्र में लिखा है कि यादव का यह कदम स्पष्ट रूप से दल-विरोधी गतिविधि है और पार्टी अनुशासन के विरुद्ध जाता है। इसलिए उन्हें नियमों के तहत भाजपा से निष्कासित किया जाता है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, बिहार भाजपा इस चुनाव में अनुशासनहीनता पर “शून्य सहिष्णुता नीति” अपना रही है। संगठन ने साफ कहा है कि जो भी नेता या कार्यकर्ता गठबंधन के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे या उनका समर्थन करेंगे, उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्ट - अंजनी कुमार कश्यप