नकली दवा आपूर्ति के दोषी मंत्री जीवेश मिश्रा का कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा, सीएम नीतीश को सुप्रिया श्रीनेत का सुझाव बचाइए लोक-लाज
नीतीश सरकार के नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्र पर नकली दवा की आपूर्ति मामले में कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने उनका इस्तीफा मांगा है.
Bihar News : कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शनिवार को कहा कि जब कोर्ट द्वारा नकली दवा के दोषी ठहराए गए व्यक्ति को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाकर रखेंगे तब बिहार में कैसे इसे सुशासन कहा जाएगा. उन्होंने नीतीश सरकार में भाजपा कोटे से मंत्री जीवेश मिश्र के इस्तीफे की मांग की. जीवेश मिश्र के खिलाफ हाल ही में कोर्ट का एक फैसला आया है जिसमें उनसे जुडी कम्पनी पर नकली दवा सप्लाई करने का दोषी माना गया है.
उन्होंने कहा कि नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्र इस मामले में दोषी हैं. लेकिन उनके भीतर कोई लोक लाज नहीं बचा है. वे संरक्षण प्राप्त करके मंत्री पद पर काबिज हैं. ऐसे व्यक्ति को नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल में जगह दे रखी है.सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जीवेश मिश्र को इस मामले में 5 साल तक कि सजा देने का प्रावधान है. लेकिन नकली दवा सप्लाई का आरोपी व्यक्ति आराम से सार्वजनिक जीवन जी रहा है. यहां तक कि जीवेश पर कोर्ट ने फ़ाईन लगाया है लेकिन ऐसे आदमी को नीतीश कुमार ने अपनी सरकार में जगह दे रखा है.
उन्होंने कहा कि जीवेश मिश्रा पर नियुक्त प्रोबेशन ऑफिसर की भूमिका क्या है? उसकी जिम्मेदारी और कार्रवाई क्या रही? अगर यही अपराध किसी आम नागरिक से जुड़ा होता, और वह दोषी पाया जाता — तो क्या उसे यूं ही छोड़ दिया जाता? किसी की जान के साथ व्यापार करना कहां तक जायज़ है? क्या मंत्री होने का अर्थ यह है कि वह कानून से ऊपर हैं? जिन लोगों ने इन नकली दवाओं का सेवन किया, जिनकी सेहत बिगड़ी — या जिनकी जान तक गई, उसकी जवाबदेही कौन लेगा?
मंत्री जीवेश मिश्रा से जुड़ा मामला क्या है?
जीवेश मिश्रा राजनीति से पहले दवा का कारोबार किया करते थे. दवा सप्लाई करने वाली कंपनी आल्टो हेल्थलेयर प्राइवेट लिमिटेड के वे निदेशक थे. साल 2010 में उन्होंने राजस्थान की कंपनी कंसारा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर से कुछ दवाओं के सैंपल लिया गया था. इसमें कंसारा ड्रग्स डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी से लिये गए सिप्रोलिन 500 मिलावट पाई गई थी जो जीवेश मिश्र की कम्पनी थी. नकली दवा सप्लाई से जुड़े इस मामले में सुनवाई करते हुए राजस्थान की कोर्ट ने 4 जून 2025 को फैसला सुनाते हुए जीवेश मिश्रा सहित 9 लोगों को इस मामले में दोषी करार दिया. इस पर सजा की सुनवाई 1 जुलाई को हुई. राजसमंद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए ऑफेंडर प्रोबेशन एक्ट के तहत जीवेश मिश्रा को राहत देते हुए केवल जुर्माना लगाकर रिहा कर दिया.
लालू की बेटी ने घेरा
जीवेश मिश्र पर आए फैसले के बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर तीखा हमला किया. उन्होंने लिखा था, “लाचार, अचेत, समझौता परस्त मुख्यमंत्री की सरकार है. नकली दवा का कारोबारी भी पूरी ढिठाई से मंत्री की कुर्सी पर बरकरार है... अनैतिक गठबंधन की सरकार में अनैतिक कामों में लिप्त लोगों का ही जमावड़ा है और कुर्सी से चिपके रहने की आदत. मजबूरी का सबब कुछ ऐसा है कि दोषी साबित हो चुके इस मंत्री को मंत्रिमंडल से बाहर करना तो दूर की बात है, नीतीश कुमार इस मुद्दे पर कुछ बोलने तक की जुर्रत नहीं कर सकते…”