Bihar Police : अब अपराधियों की खैर नहीं, बिहार पुलिस अब CBI और दिल्ली पुलिस की तर्ज पर करेगी काम, मिनटों में भीतर जाएंगे क्रिमिनल

Bihar Police : बिहार पुलिस में अब दिल्ली पुलिस और सीबीआई के तर्ज पर कोर्ट नायब की तैनाती करने जा रही है। जिसका उद्देश्य संगीन मामलों में सुनवाई तेज लाना है। पढ़िए आगे...

Court Naib deployed in Bihar Police- फोटो : social media

Bihar Police : बिहार में अपराधिक घटनाएं चरम पर है। अपराधी एक के बाद एक संगीन अपराध को अंजाम दे रहे हैं। जिससे बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं अब बिहार पुलिस अपराधियों पर नकेल कसने के लिए तैयार हो गई है। इसके तहत अब बिहार पुलिस में कोर्ट नायब की तैनाती की जाएगी। दरअसल, संगीन आपराधिक मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए अब बिहार पुलिस भी सीबीआई और दिल्ली पुलिस की तर्ज पर 'कोर्ट नायब' की तैनाती करने जा रही है। 

हर थाने में एक कोर्ट नायब 

इसका उद्देश्य अदालत, थाना और जेल के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर न्याय प्रक्रिया को तेज करना है। इस व्यवस्था के लिए नए पद नहीं सृजित किए जाएंगे, बल्कि वर्तमान में उपलब्ध पुलिस बल से ही चयन कर तैनाती की जाएगी। राज्य के सभी थानों में एक-एक सिपाही कोर्ट नायब के रूप में कार्यरत रहेंगे। इनकी तैनाती से संगीन अपराधों के ट्रायल में तेजी आएगी और अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाई जाएगी। 

ट्रायल की गति बढ़ाने की तैयारी

सीआईडी के आईजी पारसनाथ ने बताया कि अभियोजन कार्यों को मजबूत करने और उनके समय पर निष्पादन के लिए कोर्ट प्रभारी और कोर्ट नायब की व्यवस्था की जा रही है। राज्य में इस समय करीब 17 लाख मामले अदालतों में लंबित हैं। इनमें से 849 मामलों का चयन स्पीडी ट्रायल के लिए किया गया है।

5 महीने में 52 हजार से अधिक दोषियों को सजा

स्पीडी ट्रायल के तहत जनवरी से मई 2025 के बीच 38,071 मामलों में 52,314 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। इनमें कई संगीन अपराध शामिल हैं। हत्या के 207 मामलों में 508 अभियुक्तों को सजा हुई। बलात्कार के 81 मामलों में 92 को सजा हुई। डकैती के 7 मामलों में 22 को सजा हुई। अपहरण के 23 मामलों में 28 को सजा हुई। दहेज के 39 मामलों में 60 को सजा हुई। शस्त्र अधिनियम के 132 मामलों में 172 को सजा हुई। अन्य अपराध के 37,582 मामलों में 51,432 अभियुक्तों को सजा हुई। इनमें से 3 अभियुक्तों को फांसी, 489 को आजीवन कारावास, 246 को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा, और 49898 को जुर्माना या बंध पत्र की सजा दी गई।

क्या होता है कोर्ट नायब?

'कोर्ट नायब' वह पुलिसकर्मी होता है जो थाना, अदालत और जेल के बीच सूचना और प्रक्रिया का समन्वय करता है। वह यह सुनिश्चित करता है कि कोर्ट के आदेश, समन, वारंट या अन्य दस्तावेज थाना पुलिस तक समय पर पहुंचें। वर्तमान में यह कार्य सीमित स्तर पर किया जा रहा था। लेकिन अब इसे व्यवस्थित ढंग से सभी थानों में लागू किया जाएगा।

क्यों है यह व्यवस्था जरूरी?

अदालतों में केसों की भीड़ कम करने के लिए ट्रायल प्रक्रिया को तेज करना आवश्यक है। अभियोजन की जानकारी समय पर थानों को न मिलने से मुकदमों में देरी होती है। कोर्ट नायब की व्यवस्था लागू होने से सूचना तंत्र मजबूत होगा और मामलों का द्रुत निष्पादन संभव हो सकेगा। बिहार पुलिस की यह पहल न्यायिक प्रक्रिया में तेजी लाने की दिशा में एक बड़ा प्रशासनिक सुधार माना जा रहा है।