BCA का चेयरमैन रहते हुए मृतक के जाली हस्ताक्षर कर गबन के आरोप में बीजेपी के कोषाध्यक्ष पर फ्रॉड का केस दर्ज
बिहार बीजेपी के कोषाध्यक्ष और बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के पूर्व अध्यक्ष राकेश तिवारी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पटना के पाटलिपुत्र थाने में जालसाजी और धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज ।
बिहार बीजेपी के प्रदेश कोषाध्यक्ष राकेश तिवारी के खिलाफ पटना के पाटलिपुत्र थाने में जालसाजी और धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर आरोप है कि BCA के अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने संस्था के खाते से अवैध रूप से ₹30 लाख की निकासी की। यह मामला आशुतोष झा नामक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज हुआ है, जिन्हें एफआईआर दर्ज कराने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। पुलिस ने राकेश तिवारी के साथ-साथ लेखपाल मनीष कुमार और अन्य अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया है।
मृतक के जाली हस्ताक्षर कर गबन का आरोप
शिकायतकर्ता के अनुसार, यह पूरा घोटाला एक मृत व्यक्ति के नाम पर अंजाम दिया गया। BCA के तत्कालीन कोषाध्यक्ष आशुतोष नंदन सिंह का निधन जून 2024 में हो गया था। आरोप है कि उनके निधन के बाद राकेश तिवारी ने बैंक कर्मियों और लेखपाल के साथ मिलीभगत कर मृतक के जाली हस्ताक्षर बनाए और बैंक खाते से ₹30 लाख निकाल लिए। नियमानुसार खाते से निकासी के लिए अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष दोनों के संयुक्त हस्ताक्षर अनिवार्य थे, लेकिन धोखाधड़ी के जरिए आरटीजीएस और नकद निकासी की गई।
करोड़ों के घोटाले और धन उगाही के आरोप
राकेश तिवारी पर न केवल गबन, बल्कि खेल के नाम पर अवैध धन उगाही के भी गंभीर आरोप लगे हैं। एफआईआर में उल्लेख है कि उन्होंने BCA पर अवैध रूप से कब्जा जमाया और बीसीसीआई से मिलने वाले करोड़ों रुपए के फंड में हेराफेरी की। उन पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों को बिहार की टीम से खिलाने के बदले सालाना करोड़ों रुपए वसूले। इन आरोपों ने बिहार क्रिकेट प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया है।
कोर्ट के आदेश पर पुलिस की कार्रवाई
पाटलिपुत्र थाना प्रभारी अतुलेश सिंह ने पुष्टि की है कि अदालत के परिवाद (परिवेदना) के आधार पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामला साल 2024 का है और पुलिस अब बैंक ट्रांजैक्शन और हस्ताक्षरों की गहनता से जांच कर रही है। थाना प्रभारी का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल इस हाई-प्रोफाइल मामले ने बिहार की सियासत और खेल जगत दोनों में हलचल मचा दी है।