गंगा के बढ़ते जलस्तर के बीच एक्शन में सीएम नीतीश, पटना में किया निरीक्षण, जलप्रलय से बचाने के लिए दिया बड़ा निर्देश

पटना में गांधी घाट, दीघा घाट और हथिदह में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के पार हो गया है. इस बीच सीएम नीतीश ने निरीक्षण के बाद अधिकारियों को बड़ा निर्देश दिया है.

Ganga water level crosses danger in Patna - फोटो : news4nation

Nitish Kumar: गंगा का जलस्तर का लगातार बढ़ता जा रहा है. पटना सहित बक्सर से भागलपुर तक गंगा नदी लगातार खतरे के निशान की ओर है.  गंगा का पानी तेजी से निचले इलाकों को डुबाता जा रहा है तो दूसरी ओर दियारा सहित नदी किनारों के इलाकों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. गंगा के जलस्तर में आई तेजी के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी निरीक्षण को पहुंचे. उन्होंने जेपी गंगा पथ से गंगा के बढ़ते जलस्तर का मुआयना किया. आपदा की स्थिति में निपटने के लिए किये गए एहतियाती इंतजामों की जानकारी ली और अधिकारियों को बाढ़ जनित किसी प्रकार के खतरे को टालने के लिए अहम निर्देश दिया. 

गांधी घाट, दीघा घाट, दानापुर और मनेर जैसे प्रमुख घाटों पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को छू रहा है. पटना में गांधी घाट पर गंगा का जल स्तर खतरे के निशान 48.60 मीटर की तुलना में शनिवार को 49.01 मीटर हो गया है। इसी तरह दीघा घाट पर जल स्तर  50.33  मीटर हो गया, जबकि खतरनाक स्तर केवल 50.45 मीटर है. हाथीदह में गंगा का जलस्तर 41.93 मीटर है जबकि खतरे का निशान 41.76 मीटर है. पिछले 24 घंटो में गांधी घाट पर 0.18 मीटर, दीघा घाट पर 0.25 मीटर और हथिदह में 0.33 मीटर जलस्तर बढ़ा है. 

राहत स्थलों और NDRF-SDRF तैनात 

पटना में बाढ़ से निपटने के लिए 119 ऐसे स्थलों का चयन किया गया है जो ऊँचे स्थानों पर है. यहां से बाढ़ आने की स्थिति में राहत शिविर, सामुदायिक रसोई केंद्र या अन्य आपदा राहत सेवाएं चलाई जाएगी. वहीं बनी में घिरे लोगों को बचाने के लिए 245 नाविकों की टीम तैयार रखी गई है. साथ ही नाव, गोताखोर को  एहतियाती इंतजामों के तहत रखा गया है. एसडीआरएफ की मौजूदा दो टीमों के साथ ही दीदारगंज में एनडीआरएफ की एक टीम को भी स्टैंडबॉय मोड पर रखा गया है.

आपदा केंद्र से नजर 

नदी के बढ़ते जलस्तर पर नजर बनाए रखने और बाढ़ से बचाव को लेकर  पटना जिला आपदा नियंत्रण केंद्र को 24x7 एक्टिव रखा गया है. इसका फोन नंबर – 0612-2210118 है. साथ ही पटना के सभी नुमंडल अधिकारियों, अंचलाधिकारियों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को भी अपने क्षेत्रों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है. 

अनिल की रिपोर्ट