Tej Pratp on Lalu Yadav: "मैं ही दूसरा लालू हूँ",तेज प्रताप की हुंकार, राजनीति से निष्कासन के बाद भी 'किंगमेकर' बनने का ऐलान

Tej Pratp on Lalu Yadav: लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने खुद को "दूसरा लालू" घोषित किया है....

"मैं ही दूसरा लालू हूँ"- फोटो : social Media

Tej Pratp on Lalu Yadav: बिहार की राजनीति में इन दिनों एक गहरी गूंज सुनाई दे रही है,यह आवाज है लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव की, जो आज खुद को "दूसरा लालू" घोषित करते हुए राजनीतिक परिदृश्य पर अपनी एक अलग पहचान गढ़ने की कोशिश में हैं। आरजेडी से निष्कासित किए जाने और पारिवारिक दूरी के बाद भी तेज प्रताप ने न तो जज़्बा खोया है, न ही जनमानस से जुड़ाव।

अपनी स्पष्टवादिता और धरती की खुशबू से सने भाषणों के लिए चर्चित तेज प्रताप ने कहा—"मेरे लहजे में लालूजी की गूंज है, मेरी चाल में वही ठेठपन और मेरे स्वभाव में वही साहस। जो मुझे निशाने पर ले रहे हैं, वे जानते हैं कि इसी व्यक्तित्व में लालू का उत्तराधिकारी खड़ा है।"

उन्होंने जहां अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दिया, वहीं स्वयं को उस 'किंगमेकर' की भूमिका में देखने की इच्छा भी जताई, जो राज नहीं करता, पर राज बनाने की ताकत रखता है। सादगी, संघर्ष और ज़मीन से जुड़े मुद्दों को अपनी असली ताकत बताते हुए तेज प्रताप ने स्पष्ट किया कि वे न तो किसी साजिश से भयभीत हैं, न ही राजनीतिक तंजों से विचलित।

पार्टी से निष्कासन को उन्होंने "पूर्व नियोजित साजिश" कहा, पर परिवार पर कोई सीधा आरोप नहीं लगाया। उनके अनुसार, "यह महज़ एक तूफान है, जो थम जाएगा। रिश्ते बिगाड़ने की राजनीति मुझसे नहीं होगी।"

हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए व्यक्तिगत जीवन से जुड़े एक पोस्ट ने जिस आग को हवा दी, वह तेज प्रताप की राजनीतिक पहचान पर प्रश्नचिन्ह की तरह चिपक गई। परन्तु वे अब भी दृढ़ हैं—राजनीति से बाहर होकर भी राजनीति को दिशा देने का इरादा रखते हैं।

तेज प्रताप की यह वाणी न केवल विद्रोह की झलक देती है, बल्कि आने वाले दिनों में एक नए राजनीतिक अध्याय की भी भूमिका लिखती प्रतीत होती है—जिसमें सिंहासन भले किसी और का हो, पर सियासी शतरंज का असली चालबाज़ शायद वही हो जिसे सबने दरकिनार कर दिया।