Indian Railways Refund Rules: जसीडीह–झाझा रेलखंड पर बड़ा हादसा, ट्रेन लेट हुई तो मिलेगा रिफंड? जानिए रेलवे के पूरे नियम
Indian Railways Refund Rules: जसीडीह–झाझा रेलखंड पर मालगाड़ी हादसे के बाद कई ट्रेनें लेट हो गईं। जानिए भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार ट्रेन लेट या रद्द होने पर टिकट का पूरा रिफंड कब और कैसे मिलेगा।
Indian Railways Refund Rules: झारखंड के जसीडीह–झाझा रेलखंड पर शनिवार देर रात एक बड़ा रेल हादसा हो गया, जब एक मालगाड़ी के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। इस दुर्घटना में रेल की पटरियां भी बुरी तरह उखड़ गईं, जिससे इस रूट से गुजरने वाली कई यात्री ट्रेनें घंटों लेट हो गईं। नतीजतन यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा और कई लोग अपने गंतव्य तक समय पर नहीं पहुंच सके।
ट्रेनों की देरी के बाद सोशल मीडिया पर एक सवाल तेजी से तैरने लगा—अगर ट्रेन लेट हो जाए तो क्या यात्रियों को टिकट का रिफंड मिलेगा? इस सवाल का जवाब रेल मामलों के विशेषज्ञ और वकील अरविंद शर्मा याजी ने रेलवे के नियमों के आधार पर विस्तार से दिया है।
ट्रेन 3 घंटे या उससे ज्यादा लेट हो तो क्या मिलेगा पूरा रिफंड?
भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार, अगर आपकी ट्रेन अपने निर्धारित समय से 3 घंटे या उससे अधिक देर से चलती है, तो यात्री पूरा टिकट रिफंड (100%) पाने का हकदार होता है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें जरूरी हैं।यात्री को ट्रेन से यात्रा न करने का फैसला करना होगा। ट्रेन के रवाना होने से पहले TDR (Ticket Deposit Receipt) फाइल करनी होगी। यह नियम नॉर्मल टिकट, तत्काल टिकट और प्रीमियम तत्काल टिकट—तीनों पर लागू होता है। अगर आपने लेट ट्रेन में यात्रा जारी रखी, तो कोई रिफंड नहीं मिलेगा।अगर आपने समय पर TDR फाइल नहीं किया, तो भी रिफंड का दावा मान्य नहीं होगा। अगर ट्रेन 3 घंटे से कम लेट है, तब भी रिफंड नहीं मिलेगा।
TDR क्या है और कैसे करें फाइल?
TDR यानी टिकट डिपॉज़िट रसीद, जिसे ऑनलाइन (IRCTC वेबसाइट) या रेलवे स्टेशन पर फाइल किया जा सकता है।ट्रेन लेट होने पर यात्रा रद्द करने से पहले TDR फाइल करना जरूरी है। TDR फाइल करने के बाद आमतौर पर 5 से 7 वर्किंग दिनों में रिफंड की राशि खाते में आ जाती है। ध्यान रखें, TDR की समय-सीमा चूकने पर रिफंड का अधिकार खत्म हो जाता है।