अब नीतीश सरकार की बस चलाएंगी जीविका दीदी, मिलेगी ट्रेनिंग, शुरू हुई तैयारी

Patna - बिहार सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। राज्य में महिलाओं के लिए विशेष रूप से चलाई जा रही 'पिंक बसों' का संचालन अब जीविका दीदियां करेंगी। बुधवार (26 नवंबर, 2025) को परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने पटना के विश्वेश्वरैया भवन में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि जीविका दीदियों को इन बसों के लिए चालक और कंडक्टर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा।

पटना और औरंगाबाद में मिलेगा प्रशिक्षण


 परिवहन मंत्री ने बताया कि यह पहल जीविका समूह से जुड़ी महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर लेकर आएगी। इच्छुक जीविका दीदियों को भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह ट्रेनिंग पटना और औरंगाबाद स्थित भारी वाहन प्रशिक्षण संस्थान 'इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च' (IDTR) में दी जाएगी।

चालक पद के लिए 8वीं पास योग्यता

सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने वाली महिलाओं को बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की पिंक बसों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। वाहन चालक प्रशिक्षण के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई है। चालक बनने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास रखी गई है, हालांकि नियुक्ति के दौरान 9वीं और 10वीं उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

कंडक्टर के लिए 10वीं पास अनिवार्य

मंत्री श्रवण कुमार ने जानकारी दी कि फिलहाल राज्य में 100 पिंक बसें संचालित हैं। इनके सुचारू संचालन के लिए कुल 200 महिलाओं को ड्राइवर और कंडक्टर के रूप में तैयार करने का लक्ष्य है। कंडक्टर पद के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास तय की गई है। भारी मोटर वाहन (HMV) लाइसेंस प्राप्त करने और ट्रेनिंग पूरी होने के बाद योग्य अभ्यर्थियों को रिक्तियों के अनुसार संविदा (Contract) पर नियुक्त किया जाएगा।

सड़क सुरक्षा और मुआवजे पर सख्त निर्देश

समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री ने विभागीय योजनाओं को समय सीमा के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट की विशेष जांच अभियान चलाने की बात कही। साथ ही, अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि दुर्घटना पीड़ितों या उनके परिजनों को मिलने वाली मुआवजा राशि समय पर प्रदान की जाए और लंबित कार्यों में तेजी लाई जाए।