Bihar News: झारखंड के अधिकारी के साथ बिहार में हो गया बड़का कांड, AC कोच में कर रहे थे सफर, नींद खुली तो उड़े होश....
Bihar News: झारखंड से पटना आ रहे अधिकारी के साथ बिहार में बड़ा कांड हो गया। पटना पहुंचने पर जब तक उन्होंने अहसास होता अपराधियों ने घटना को अंजाम दे दिया था...पढ़िए आगे...
Bihar News: रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। धनबाद से पटना आने वाली गंगा दामोदर एक्सप्रेस (13329) में एक यात्री का लैपटॉप बैग रहस्यमयी तरीके से गायब हो गया है। बैग में महंगा लैपटॉप, आधार, पैन, एटीएम कार्ड और अहम दस्तावेज के साथ हजारों रुपए कैश रखे हुए थे। जिसकी चोरी ट्रेन के AC बोगी से सफर कर रहे यात्री की हुई है।जिसकी शिकायत पटना जंक्शन पर GRP में दी गई है, लेकिन अब तक पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा।
झारखंड के अधिकारी के साथ हो गया कांड
दरअसल, धनबाद निवासी गौरव गोयल कि मानें तो वह एंटी करप्शन एंड क्राइम कंट्रोल अवेयरनेस इंडिया के झारखंड राज्य के स्टेट ऑर्गेनाइजेशन सेक्रेट्री हैं। वह मंगलवार को A1 कोच (Lower Berth 39) पर यात्रा कर रहे थे। गया स्टेशन तक उनका बैग सुरक्षित था, लेकिन उसके बाद नींद लग गई। पटना पहुंचकर जब उनकी आंख खुली तो सीट के पास रखा लैपटॉप बैग गायब था। उन्होंने तत्काल RPF को सूचना दी।
GRP में शिकायत, कार्रवाई शून्य
CCTV फुटेज खंगाले गए लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस हिस्से में उनका डिब्बा था वहां कैमरा ही नहीं था। इससे शक गहराता है कि चोर को पहले से पता था कि कहां कैमरा नहीं है और उसने उसी हिसाब से चोरी को अंजाम दिया। पटना GRP में चोरी की लिखित शिकायत दी गई है, लेकिन घटना के एक दिन बाद भी न तो आरोपी की पहचान हुई और न ही कोई कार्रवाई। यात्रियों का कहना है कि ऐसे मामलों में पुलिस की धीमी कार्यप्रणाली से चोरों के हौसले बुलंद रहते हैं।
यात्रियों की जेब ढीली, सुरक्षा नहीं
एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को लगता है कि वे अधिक किराया चुकाकर बेहतर सुरक्षा और सुविधा पाएंगे। लेकिन यह घटना साबित करती है कि रेल यात्री अपनी सुरक्षा को लेकर राम भरोसे हैं। यात्रियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब AC कोच में चोरी हो सकती है तो साधारण बोगियों की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। यात्रियों का कहना है कि जब तक रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेता, तब तक ट्रेन का सफर खतरे से खाली नहीं कहा जा सकता।
पटना से अनिल की रिपोर्ट