DELHI ELECTION 2025 - पहले इस्तेमाल और फिर विश्वास करो के सौदे पर खरे उतरे पप्पू यादव, फिर राहुल गांधी का डर क्या है...
DELHI ELECTION 2025 - तरफ पप्पू यादव खुद को कांग्रेस का सबसे बड़ा समर्थक बताते हैं। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने उनका इस्तेमाल कर छोड़ दिया है। जहां झारखंड में पप्पू यादव ने कांग्रेस के लिए प्रचार किया,लेकिन दिल्ली के स्टार प्रचारकों में शामिल नहीं कि
PATNA - पप्पू यादव को कौन नहीं जानता है. कहने को वो पूर्णिया के निर्दलीय सांसद हैं. लेकिन कांग्रेस के लिए वो तुरूप का पत्ता हैं. कांग्रेस समय-समय पर लगातार पप्पू यादव का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही है. लेकिन रिटर्न में पप्पू यादव को मिल क्या रहा है. शून्य बट्टा सन्नाटा या फिर अंदर ही अंदर कुछ बड़ा होने वाला है. क्या कांग्रेस बिहार में रेंगते-रेंगते पप्पू यादव के सहारे दौड़ने का मन बना रही है. आगे विस्तार से पढ़िए इनसाइड स्टोरी
लालू से मिले पप्पू यादव
19 मार्च 2024 देर रात पप्पू यादव लालू यादव के मिलने उनके घर जाते हैं. जब दोनों की मुलाकात हो रही थी, तब तेजस्वी यादव भी साथ थे. इस रात की मुलाकात को लेकर किस्से बहुत है और अगले दिन यानी 20 मार्च को पप्पू यादव दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय कर लेते हैं. तब लग रहा था पूर्णिया का लोकसभा टिकट पप्पू यादव को ही मिलेगा.
इस बीच 27 मार्च 2024 को बीमा भारती लालू यादव से मिलने पहुंची और हाथों हाथ उन्हें पूर्णिया लोकसभा का टिकट मिल गया. जैसे ही ये खबर पप्पू यादव तक पहुंचती है, तो कैमरे के सामने रोने लगते हैं. फिर पूर्णिया लोकसभा सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं और जीत जाते हैं. कहा जाता है कि लालू यादव के सामने कांग्रेस मजबूर थी, चाहकर भी पप्पू यादव को टिकट नहीं दिलवा पाई.
झारखंड में कांग्रेस के लिए किया प्रचार
इससे पहले साल 2024 के आखिरी में झारखंड में विधानसभा के चुनाव हुए. पप्पू यादव का जबरदस्त इस्तेमाल कांग्रेस ने झारखंड विधानसभा चुनाव में किया. इस बीच 9 नवबंर 2024 को जमशेदपुर में चुनावी प्रचार के दौरान राहुल गांधी के साथ पप्पू यादव मंच साझा करते हैं. रांची में कांग्रेस मुख्यालय में पप्पू यादव प्रेस कॉन्फेंस भी करते हैं. पप्पू यादव कुल 13 विधानसभा सीट पर इंडिया गठबंधन के लिए प्रचार करते हैं और इसमें 10 विधानसभा सीट इंडिया गठबंधन जीत जाती है. झारखंड में पप्पू यादव लकी मैन इंडिया गठबंधन के लिए साबित होते हैं.
दिल्ली में पप्पू यादव की जरुरत नहीं
अब दिल्ली में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. अभी चुनावी प्रचार शबाब पर है. कांग्रेस के तरफ से स्टार प्रचारकों की लिस्ट में बिहार से सिर्फ एक नेता का ही नाम हैं. वो हैं बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह. पप्पू यादव का नाम कहीं नहीं है. लेकिन दिल्ली चुनाव में जमकर कांग्रेस के लिए प्रचार कर रहे हैं. जैसे हमला पप्पू यादव केजरीवाल पर कर रहे हैं. उस आक्रमता के साथ तो कांग्रेस भी हल्ला बोल नहीं कर पा रही है.
कृष्णानगर विधानसभा क्षेत्र में गुरचरण सिंह राजू, भगवानपुरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र यादव के लिए पप्पू यादव ने चुनावी प्रचार किया. इस दौरान पप्पू यादव कह रहे हैं कि आप याद करिए, वह समय जब केजरीवाल जी ने अपनी पार्टी बनाई थी, उनका मुख्य उद्देश्य था भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई था. उस समय वे CAG रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते थे. लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं.
अब CAG की 14 रिपोर्ट सामने आई हैं, जिनमें केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन इन रिपोर्टों को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. दिल्ली की जनता से आग्रह है कि आप केजरीवाल जी पूछिये कि दिल्ली में घोटाले कैसे हुए और इसके जिम्मेदार कौन हैं ?. यह स्पष्ट है कि AAP का भ्रष्टाचार का चेहरा अब सामने आ चुका है, इसलिए देश बचाने और दिल्ली के विकास के लिए कांग्रेस को चुनें.
कुल मिलाकर कहें, तो पप्पू यादव के किस्मत का इस्तेमाल कांग्रेस भरपूर कर रही है. रिटर्न में पप्पू यादव को क्या मिलेगा. इस पर बड़ा संशय है. बिहार में कांग्रेस को लेकर जो पप्पू यादव चाहते हैं, वो हसरत लगता है कि राहुल गांधी चाहकर भी पूरी नहीं कर सकते हैं. इस हसरत के पूरी करने का मतलब है बगावत. क्या कांग्रेस अब बिहार में अपने भविष्य को बनाने के लिए लालू यादव के साथ-साथ सूबे के कई नेताओं को नाराज करने को तैयार है. जवाब बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मिल जाएगा. तो फिर पप्पू यादव के लिए आगे की राह कहां है. थोड़ा अभी इंतजार करना होगा.
देवांशु प्रभात की रिपोर्ट