Bihar Teacher News: बिहार में अब शिक्षक और हेडमास्टर की साथ में जाएगी नौकरी, शिक्षा विभाग का सख्त आदेश, ये गलती से भी ना करें

Bihar Teacher News: बिहार अब केवल शिक्षकों की ही नहीं बल्कि हेडमास्टरों की भी नौकरी जाएगी। शिक्षा विभाग अब फर्जी अटेंडेंस पर सख्त हो गया है। शिक्षा विभाग ने कड़ा निर्देश जारी किया है।

शिक्षा विभाग का सख्त आदेश - फोटो : social media

Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा विभाग ने एक बार फिर सख्त नियम लागू किया है। शिक्षा विभाग अब फर्जी अटेंडेंस को लेकर सख्त है। शिक्षा विभाग ने साफ कहा है कि अब यदि ई-अटेंडेंस में गड़बड़ी हुई तो शिक्षक और प्रिंसिपल दोनों सेवा से बर्खास्त होंगे। दरअसल, पटना के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की उपस्थिति पर शिक्षा विभाग ने निगरानी कड़ी कर दी है। विभाग को शिक्षकों द्वारा ई-शिक्षा कोष पर फर्जी अटेंडेंस दर्ज करने की शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।

जिले में मॉनिटरिंग सेल करेगा कड़ा निरीक्षण

निर्देश के अनुसार, यदि कोई शिक्षक फोटो या किसी भी तरह से फर्जी उपस्थिति दर्ज कराता है, तो दोषी पाए जाने पर न सिर्फ शिक्षक, बल्कि संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक पर भी कार्रवाई होगी और दोनों को सेवा से मुक्त किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर में जिला स्तर पर गठित मॉनिटरिंग सेल शिक्षकों की उपस्थिति की रियल-टाइम निगरानी करेगा।

शिक्षकों से मांगा गया स्पष्टीकरण

बिना पूर्व स्वीकृति छुट्टी लिए स्कूल से अनुपस्थित रहने पर शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और उस दिन का वेतन काट लिया जाएगा। जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी बीइओ को पत्र जारी कर उपस्थिति व्यवस्था की सख्त मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने को कहा है। निर्देशों का पालन नहीं करने पर शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य की निगरानी अब टैबलेट से की जाएगी। 

5 स्कूलों में दिया गया टैबलेट 

शिक्षा विभाग पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच स्कूलों में टैबलेट उपलब्ध करा चुका है और अब इस व्यवस्था को सभी स्कूलों में लागू किया जा रहा है। उधर, शिक्षकों के तबादले को लेकर शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि विभाग की गाइडलाइन पूरी तरह पारदर्शी है। उन्होंने बताया कि तबादले स्कूलों की जरूरत, दूरदराज क्षेत्रों में पदस्थापन की अनिवार्यता और स्टूडेंट-टीचर अनुपात को ध्यान में रखकर किए गए हैं।