patna highcourt - पटना हाईकोर्ट के इस सवाल ने बढ़ा दी नीतीश सरकार की टेंशन, चार सप्ताह में मांगा जवाब, जानें पूरा मामला

Patna highcourt - पटना हाईकोर्ट ने बिहार की नीतीश सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए सरकार से चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है।

Patna - पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने को कहा है कि आपराधिक  मामलों में पकड़े गए किशोरों के लिए बिहार के 17 जिलों में अब तक  ऑब्जर्वेशन  क्यों नहीं   हैं ? जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने पटना हाई कोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की ओर से दायर जनहित मामले की सुनवाई की।

 कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव और राज्य सरकार की समाज कल्याण सचिव को इस मामले में चार हफ्ते में जवाब दायर करने का निर्देश दिया है । इस मामलें पर  सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट प्रशासन के वकील पीयूष लाल ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता कमिटी ने, जो किशोर न्याय अंतर्गत जिलावार ऑब्जर्वेशन होम्स की जो सूची दी है, उनमे कुछ  जिलों में इस तरह के ऑब्जर्वेशन होम्स निर्माणाधीन अवस्था में हैं । 

बालिका-किशोरियों के लिए राज्य में नहीं है स्पेशल केयर होम

वहीं किसी जुर्म का शिकार हुई या भूली भटकी हुई बालिका व किशोरियों के लिए स्पेशल केयर होम की कमी भी पूरे राज्य में है ।  किशोर न्याय कानून के अंतर्गत 18 साल से कम उम्र के नाबालिकों यदि किसी अपराधिक कार्य में पकड़े जाते हैं,तो उन्हें अभियुक्त की तरह कारावास में विचाराधीन कैदी की तरह नहीं रखा जाता है। 

उन्हें मुकदमे के ट्रायल होने तक ऑब्जर्वेशन होम में रखा जाता है, जहां घर की तरह रहने , खाने , और कार्य सीखने का माहौल मिलता है।इस मामले पर अगली सुनवाई 16 अक्टूबर,2025 को होगी।