Patna Metro:पटना मेट्रो का नया दौर, अंडरग्राउंड कॉरिडोर से सफर की तैयारी, जनवरी के तीसरे हफ्ते तक 5 स्टेशनों पर मेट्रो दौड़ने को तैयार
Patna Metro: पटना मेट्रो परियोजना अब रफ्तार पकड़ चुकी है, टेस्टिंग, सिग्नलिंग और सुरक्षा मूल्यांकन जैसे अंतिम चरण अब फाइनल राउंड में हैं, जिसके बाद कॉरिडोर आम लोगों के लिए जनवरी के तीसरे सप्ताह से खुलेगा।
Patna Metro: पटना मेट्रो परियोजना अब रफ्तार पकड़ चुकी है और राजधानी के ट्रैफिक बोझ को कम करने की दिशा में यह सबसे बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर गेम-चेंजर साबित होने वाला है। निर्माण एजेंसी के मुताबिक दिसंबर के अंत तक पटना मेट्रो अपनी पहली बड़ी छलांग लगाएगी और ISBT से मलाही पकड़ी तक पांच स्टेशनों पर मेट्रो के परिचालन की शुरुआत संभव है। इससे शहर के पूर्वी हिस्से में कनेक्टिविटी की नई लकीर खिंचेगी। मलाही पकड़ी स्टेशन पर सिविल और स्ट्रक्चर से जुड़ा लगभग पूरा काम समाप्त हो चुका है, जबकि खेमनीचक जो एक अहम कनेक्टिंग स्टेशन है पर तेजी से आंतरिक निर्माण व अलाइनमेंट का काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि टेस्टिंग, सिग्नलिंग और सुरक्षा मूल्यांकन जैसे अंतिम चरण अब फाइनल राउंड में हैं, जिसके बाद कॉरिडोर आम लोगों के लिए खोलने की तैयारी होगी।
अंडरग्राउंड सेक्शन भी पटना मेट्रो की पहचान बनने जा रहा है। पटना जंक्शन से रुकनपुरा और मीठापुर तक 9.35 किलोमीटर का भूमिगत कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। इसी अंडरग्राउंड रूट पर बनेगा राजेंद्र नगर मेट्रो स्टेशन, जो पटना का सबसे गहरा स्टेशन होगा पूरे 21 मीटर नीचे। इसकी वजह ऊपर मौजूद राजेंद्र नगर रेलवे लाइन है, जिसे बिना बाधित किए मेट्रो को नीचे से ले जाया जाएगा। यह स्टेशन एक तरह से “डुअल कनेक्टिविटी हब” बनेगा, जहां यात्री सीधे मेट्रो से उठकर राजेंद्र नगर रेलवे टर्मिनल से ट्रेन पकड़ सकेंगे शहर में पहली बार रेल व मेट्रो का ऐसा इंटीग्रेशन देखने को मिलेगा।
उधर, पटना जंक्शन मेट्रो स्टेशन पूरे नेटवर्क का धड़कता हुआ इंटरचेंज पॉइंट होगा, जहां रेड लाइन और ब्लू लाइन आपस में जुड़ेंगी। इससे दानापुर से खेमनीचक, न्यू ISBT से पटना जंक्शन सभी प्रमुख हिस्सों के बीच सफर आसान और समयबद्ध हो जाएगा। 15 जनवरी को दिल्ली मेट्रो की तकनीकी टीम पटना पहुंचेगी और राजेंद्र नगर, मोइनुल हक और पटना जंक्शन इन तीनों अंडरग्राउंड स्टेशनों का निरीक्षण करेगी। यह दौरा परियोजना को अंतिम अनुमोदन की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
पटना मेट्रो सिर्फ एक परिवहन परियोजना नहीं, बल्कि राजधानी के शहरी ढांचे को नई पहचान देने वाली आधुनिक शहरी क्रांति का नाम बनने वाली है।