Patna Metro: खुशखबरी! इन दिन से शुरु होंगे पटना मेट्रो के 2 नए स्टेशन, बनाए जा रहे 6 आइलैंड प्लेटफॉर्म! जानिए पूरा अपडेट

Patna Metro: पटना मेट्रो से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। पटना मेट्रो के पहले चरण के बचे शेष 2 स्टेशनों का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इसी महीने से इन दोनों स्टेशनों पर भी मेट्रो रफ्तार भरने लगेगी।

पटना मेट्रो से जुड़ी अपडेट - फोटो : News4nation

Patna Metro: पटनावासियों सपने को हकीकत में जी रहे हैं। हर रोज पटना में पटना मेट्रो का सफर कर रहे हैं। पटना मेट्रो फिलहाल 3 स्टेशनों पर हर दिन रफ्तार भर रही है। वहीं जल्द ही 2 और स्टेशन पर परिचालन शुरु होने जा रहा है। जिसके बाद हर दिन 5 स्टेशनों पर मेट्रो चलेगी। दरअसल, पहले कॉरिडोर पर खेमनीचक और मलाही पकड़ी स्टेशन लगभग तैयार हैं। दोनों का उद्घाटन संभावित रूप से दिसंबर के अंत तक किया जा सकता है। इन स्टेशनों के शुरू होने से मेट्रो सेवा आईएसबीटी से भूतनाथ होते हुए मलाही पकड़ी तक 6.5 किलोमीटर तक बढ़ जाएगी।

इस दिन से 5 स्टेशनों पर दौड़ेगी मेट्रो 

जानकारी अनुसार मलाही पकड़ी स्टेशन में सिविल और स्ट्रक्चर का काम लगभग पूरा हो चुका है। वहीं खेमनीचक में आंतरिक निर्माण अंतिम चरण में है। दोनों स्टेशनों का दिसंबर के आखिरी सप्ताह तक उद्घाटन संभव है। इसके साथ ही जंक्शन–रुकनपुरा और मीठापुर तक करीब 9.35 किमी लंबा अंडरग्राउंड कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है, जिसके पूरा होने पर पटना के ट्रैफिक और कनेक्टिविटी में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

दूसरे चरण का काम तेजी से जारी 

इधर दूसरे चरण का काम शुरू होते ही राजधानी की मेट्रो परियोजना का स्वरूप और स्पष्ट दिखाई देने लगा है। यह पूरा चरण अंडरग्राउंड बनाया जा रहा है, जिसकी लंबाई लगभग 6–7 किलोमीटर है। मेट्रो जंक्शन से लेकर बेली रोड स्थित रुकनपुरा तक शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों के नीचे से गुजरने वाली पहली भूमिगत लाइन तैयार की जा रही है। यह सेक्शन दो हिस्सों में विकसित हो रहा है। पहला पटना जंक्शन से विकास भवन तक और दूसरा विकास भवन से रुकनपुरा तक। पहले हिस्से में लगभग 100 फीट नीचे सुरंग खोदने का काम तेजी से जारी है।

पहली बार पटना में आइलैंड प्लेटफॉर्म

दूसरे चरण की खासियत यह है कि सभी छह स्टेशन आइलैंड प्लेटफॉर्म पर आधारित होंगे। आइलैंड प्लेटफॉर्म वह संरचना है। जहां प्लेटफॉर्म बीच में होता है और दोनों ओर से ट्रेनें आती-जाती हैं। यात्री एक ही स्थान पर खड़े होकर दोनों दिशाओं में आसानी से ट्रेन पकड़ सकेंगे। भीड़भाड़ वाले इलाकों में यात्रा और भीड़ प्रबंधन को देखते हुए यह मॉडल अधिक उपयोगी माना जाता है। जानकारी अनुसार छह पूरी तरह अंडरग्राउंड स्टेशन बन रहे हैं इस भूमिगत कॉरिडोर में बनने वाले छह स्टेशन में पटना जंक्शन, विद्युत भवन, विकास भवन, पटना जू, राजाबाजार और रुकनपुरा शामिल है। 

3 महीने में तैयार करने का लक्ष्य 

जानकारी अनुसार ये सभी स्टेशन आधुनिक तकनीक पर आधारित, पूरी तरह वातानुकूलित और यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर विकसित किए जा रहे हैं। शहर के भीड़भाड़ वाले हिस्सों की जमीन के नीचे मेट्रो लाइन बनाना एक जटिल इंजीनियरिंग चुनौती है, जिसे पटना मेट्रो टीम चरणबद्ध तरीके से संभाल रही है। अंडरग्राउंड कॉरिडोर के निर्माण की जिम्मेदारी हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी (HCC) को दी गई है, और इसे 36 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पहला फेज दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के तहत बना था, जबकि दूसरा फेज अब सीधे पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (PMRCL) की निगरानी में चल रहा है। पूरी परियोजना में दो कॉरिडोर रेड लाइन (16.86 किमी) और ब्लू लाइन (14.56 किमी) तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें कुल 24 स्टेशन होंगे।