Patna Bribery Case: सरकारी कॉलेज में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़! प्रोफेसर मिथिलेश कुमार ₹1.50 लाख लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
Patna Bribery Case: पटना पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रोफेसर सह हॉस्टल सुपरिटेंडेंट मिथिलेश कुमार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने ₹1.50 लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। जानें पूरी कार्रवाई, शिकायत से गिरफ्तारी तक की पूरी कहानी।
Patna Bribery Case: बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान के बीच राजधानी पटना से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गुलजारबाग स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक और छात्रावास सुपरिटेंडेंट मिथिलेश कुमार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई उनके कॉलेज चेंबर में की गई, जिससे पूरे परिसर में सनसनी फैल गई।
शिकायत से खुला घोटाले का रास्ता
यह मामला तब सामने आया जब कैमूर जिले के रहने वाले संदीप कुमार दुबे ने निगरानी विभाग में लिखित शिकायत दी। उनका आरोप था कि हॉस्टल के मेस बिल को पास कराने के बदले प्रोफेसर उनसे अवैध पैसे की मांग कर रहे थे। शिकायत की जांच हुई तो आरोप सच पाए गए और मामला तुरंत आगे बढ़ाया गया।
निगरानी टीम ने कॉलेज में किया ऑपरेशन
जांच की पुष्टि के बाद निगरानी थाना कांड संख्या 105/25 दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस उपाधीक्षक रीता सिन्हा के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। टीम ने तय योजना के तहत कॉलेज पहुंचकर कार्रवाई की और प्रोफेसर मिथिलेश कुमार को उसी समय पकड़ा जब वे ₹1.50 लाख नकद ले रहे थे। गिरफ्तारी कॉलेज के अंदर उनके कार्यालय में ही की गई।
पूछताछ जारी, अदालत में पेशी की तैयारी
गिरफ्तारी के बाद प्रोफेसर से रिश्वत मांगने और लेने से जुड़े कई पहलुओं पर सवाल-जवाब किए जा रहे हैं। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने साफ किया है कि आरोपी को अब विशेष निगरानी न्यायालय, पटना में पेश किया जाएगा, जहां आगे की कार्रवाई तय होगी।
बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश
इस पूरे मामले ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि सरकारी तंत्र में गलत तरीके से लाभ लेने वालों पर अब सीधे कार्रवाई हो रही है। राज्य सरकार लगातार विभागों को पारदर्शिता बढ़ाने के निर्देश दे रही है, और यह गिरफ्तारी उसी अभियान का एक मजबूत उदाहरण बनकर सामने आई है।
पटना से अनिल की रिपोर्ट