Bihar News: पटना सचिवालय के घंटा घर की घटेगी लंबाई! नीतीश सरकार से किसने लगाई गुहार, जानिए पूरा मामला

Bihar News: पटना सचिवालय के घंटा घर की लंबाई घटेगी। घंटा घर की लंबाई 184 फीट है जिससे 51 फीट तक कम करने की मांग की गई है। आइए जानते हैं आखिर पूरा मामला क्या है..

घंटा घर की लंबाई - फोटो : social media

Bihar News:  पटना सचिवालय के घंटा घर की लंबाई घटेगी। एयरपोर्ट प्रशासन ने सरकार से घंटा घर की लंबाई को घटाने की मांग की है। दरअसल, जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमानों की सुरक्षित लैंडिंग एक बार फिर चर्चा में है। एयरपोर्ट प्रशासन ने सचिवालय स्थित ऐतिहासिक घंटा घर की ऊंचाई को विमानों की लैंडिंग में बाधा बताया है। प्रशासन का कहना है कि घंटा घर की ऊंचाई के कारण रनवे की दिशा में आने वाले विमानों को सटीक तरीके से लैंड कराने में दिक्कत आ रही है।

घंटा घर की घटेगी लंबाई 

इस समस्या के समाधान के लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने घंटा घर की ऊंचाई को 17.5 मीटर (लगभग 51 फीट) तक घटाने की मांग की है और इस संबंध में जिला प्रशासन को पत्र भी भेजा गया है। अधिकारियों का कहना है कि पटना एयरपोर्ट का रनवे पहले से ही छोटा है और ऊपर से घंटा घर जैसी बाधा विमानों की सुरक्षित लैंडिंग में और मुश्किलें पैदा कर रही है।

अहमदाबाद हादसे के बाद बढ़ी चिंता

हाल ही में अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुए विमान हादसे के बाद पटना एयरपोर्ट की सुरक्षा और रनवे विस्तार को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। सोमवार को इस विषय पर एयरपोर्ट और जिला प्रशासन के बीच महत्वपूर्ण बैठक प्रस्तावित है। फिलहाल, पटना एयरपोर्ट का रनवे अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा नहीं उतरता, जिससे विमानों की लैंडिंग जोखिम भरी हो जाती है।

ऐतिहासिक धरोहर है सचिवालय का घंटा घर

सचिवालय परिसर में स्थित यह घंटा घर न केवल एक ऐतिहासिक इमारत है, बल्कि पटना की आर्किटेक्चरल विरासत का भी प्रतीक है। इसका निर्माण 1917 में न्यूजीलैंड के जोसेफ फियरिस मनी की देखरेख में हुआ था। शुरुआती ऊंचाई 198 फीट थी, जो 1934 के भीषण भूकंप में क्षतिग्रस्त होने के बाद घटकर 184 फीट रह गई। घंटा घर की घड़ी 1924 में लगाई गई थी। जिसे लंदन और मैनचेस्टर के बिग बेन टावर की तर्ज पर डिज़ाइन किया गया है। इसमें लगी घड़ी की घंटे की सूई 4.5 फीट और मिनट की सूई 5.5 फीट लंबी है, जबकि पेंडुलम का वजन दो क्विंटल है। इसे "आर्किटेक्चरल हेरिटेज ऑफ पटना" का दर्जा प्राप्त है।

आज होगी अहम बैठक

अब प्रशासन के सामने चुनौती यह है कि एक ओर हवाई अड्डे की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए तो दूसरी ओर शहर की ऐतिहासिक धरोहर को भी संरक्षित रखा जाए। एयरपोर्ट प्रशासन का मानना है कि यदि जिला प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले तो विमानों की लैंडिंग में आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सकता है। अब देखना होगा कि सोमवार यानी आज की बैठक में इस पर कोई ठोस निर्णय होता है या नहीं।