Indian Post Office: 'एक विरासत को विदाई', भारतीय डाक ने अपनी 50 साल पुरानी सेवा को बंद करने का किया ऐलान, जानिए आम लोगों पर कैसे पड़ेगा असर

Indian Post Office: एक विरासत की विदाई...भारतीय डाक ने अपनी 50 साल पुरानी सेवा को बंद करने का ऐलान कर दिया है। 1 सितंबर से यह बदलाव लागू भी हो जाएगा। आइए जानते हैं कि इससे आम लोगों पर क्या असर पड़ेगा....

एक विरासत की विदाई- फोटो : social media

Indian Post Office: भारतीय डाक विभाग ने देशभर में 50 वर्षों से जारी रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा को बंद करने का फैसला लिया है। यह बदलाव 1 सितंबर 2025 से लागू होगा। विभाग अब इस पारंपरिक सेवा को स्पीड पोस्ट में मर्ज करने जा रहा है। इस फैसले का उद्देश्य डाक सेवाओं को तेज, ट्रैक करने योग्य और आधुनिक बनाना बताया गया है। डाक विभाग ने सभी सरकारी विभागों, अदालतों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे अपनी मौजूदा रजिस्टर्ड पोस्ट सेवाओं को 1 सितंबर से पहले स्पीड पोस्ट में स्थानांतरित कर लें।

आम लोगों पर पड़ेगा असर 

रजिस्टर्ड पोस्ट के बंद होने से आम नागरिकों, किसानों, छोटे व्यापारियों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों पर आर्थिक असर पड़ सकता है, जो कम लागत वाली डाक सेवाओं पर निर्भर रहते हैं। रजिस्टर्ड पोस्ट की दर ₹24.96 प्रति 50 ग्राम + ₹5 प्रत्येक अतिरिक्त 20 ग्राम तो वहीं स्पीड पोस्ट की दर ₹41 प्रति 50 ग्राम से शुरू है, यानी रजिस्टर्ड पोस्ट की तुलना में स्पीड पोस्ट 20-25% तक महंगी है।

क्यों लिया गया फैसला?

भारतीय डाक विभाग के अनुसार, रजिस्टर्ड पोस्ट की मांग में लगातार गिरावट आई है। वर्ष 2011-12 में 24.44 करोड़ रजिस्टर्ड पोस्ट भेजी गई थीं यह संख्या 2019-20 में घटकर 18.46 करोड़ रह गई डिजिटल सेवाओं, ई-मेल और निजी कूरियर कंपनियों के बढ़ते चलन ने पारंपरिक डाक सेवाओं की उपयोगिता को प्रभावित किया है। इसी वजह से विभाग ने इसे स्पीड पोस्ट में विलय करने का निर्णय लिया है।

स्पीड पोस्ट में मिलेंगी ये सुविधाएं

रजिस्टर्ड पोस्ट बंद होने के बाद, स्पीड पोस्ट के माध्यम से लोगों को तेज डिलीवरी सेवा, ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा और डिलीवरी एक्नॉलेजमेंट यानी प्राप्ति की पुष्टि की सुविधाएं मिलेंगी। भारतीय डाक विभाग का यह फैसला देश की डाक संरचना में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है। जहां एक ओर इससे सेवाएं अधिक डिजिटल, तेज और ट्रैकिंग-फ्रेंडली बनेंगी, वहीं दूसरी ओर सस्ती डाक सेवा बंद होने से आम जनता को वित्तीय बोझ उठाना पड़ सकता है।