Bihar News: सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनते ही DGP ने जारी किया बड़ा आदेश, पुलिस महकमे में आई बड़ी खबर

Bihar News: सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनते ही पुलिस विभाग भी एक्शन मोड में आ गई है। डीजीपी ने बड़ा आदेश जारी किया है। मुख्यालय ने संबंधित जिलों और इकाइयों से निर्देशित प्रपत्र के अनुसार अद्यतन विवरण तत्काल उपलब्ध कराने को कहा है।

डीजीपी का आदेश - फोटो : social media

Bihar News: बिहार में नई सरकार की गठन हो गई है। नीतीश कुमार सहित 26 अन्य ने मंत्री पद की शपथ ली। सभी मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा भी हो गया है। वहीं विभागों के बंटवारे के बाद सभी मंत्री अपने अपने पदभार को ग्रहण कर रहे हैं। 20 साल बाद पहली बार सीएम नीतीश ने गृह विभाग सहयोगी दल को दिया है। गृह विभाग अब उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के पास है। सम्राट के गृह विभाग संभालते ही पुलिस विभाग एक्शन में है। डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों के लिए बड़ा आदेश जारी किया है।   

सम्राट के विभाग संभालते ही एक्शन शुरु

बिहार पुलिस मुख्यालय ने सहायक अवर निरीक्षक से अवर निरीक्षक के कार्यकारी प्रभार देने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। मुख्यालय ने संबंधित जिलों और इकाइयों से निर्देशित प्रपत्र के अनुसार अद्यतन विवरण तत्काल उपलब्ध कराने को कहा है। बताया गया है कि अब तक कई इकाइयों से मांगी गई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई है, जिसके कारण उच्चतर पद पर कार्यकारी प्रभार देने की प्रक्रिया लंबित है।

DGP का आदेश

मुख्यालय के अनुसार 18 जनवरी 2022 को जारी आदेश के तहत राज्य वरीयता सूची के आधार पर उन सहायक अवर निरीक्षकों को अवर निरीक्षक कोटि में कार्यकारी प्रभार (वेतनमान सहित) दिया जाना है, जो इसके लिए अर्हताप्राप्त हैं। इसके लिए पदाधिकारियों की मूल कोटि में नियुक्ति तिथि का स्पष्ट उल्लेख करते हुए निर्धारित प्रपत्र MS Excel- Kruti Dev Font में हार्ड और सॉफ्ट कॉपी दोनों उपलब्ध कराई जानी थी।

मुख्यालय ने जारी किया आदेश 

हालांकि, कई इकाइयों द्वारा यह विवरण अब तक नहीं भेजा गया है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने एक बार फिर निर्देश जारी करते हुए संबंधित पदाधिकारियों की अद्यतन वार्षिक गोपनीय चरित्र अभिव्यक्ति (ACR) सहित सभी विवरण शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा है। मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि आदेश सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति के बाद ही जारी किया गया है और विलंब होने पर प्रमोशन प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। प्रशासनिक स्तर पर इसे अहम कदम माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से लंबित पदोन्नति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की तैयारी है।