अपराधियों के लिए अब बिहार में कोई जगह नहीं ... गृह विभाग मिलते ही सम्राट चौधरी का ऐलान, पुलिस में ऐसे करेगी काम

बिहार मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार गृह विभाग भाजपा को दिया है. सम्राट चौधरी ने मंत्री बनते ही बड़ा ऐलान किया है.

Samrat Chaudhary:  गृह मंत्री बनते ही सम्राट चौधरी ने राज्य में सुशासन राज को बरकरार रखने को लेकर कड़े तेवर दिखाए हैं. बिहार के उपमुख्यमंत्री सह गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने राज्य के अपराधियों को कड़ी चेतावनी दी है।  सम्राट चौधरी ने कहा कि अपराध करने वालों की अब खैर नहीं है।  पुलिस को अपराध रोकने के लिए पूरी छूट दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब पुलिस के हाथ बंधे हुए नहीं हैं, बल्कि खुले तौर पर कार्रवाई करने की पूरी आज़ादी है। सम्राट चौधरी ने कहा कि अपराधियों के लिए अब बिहार में कोई जगह नहीं है। 


उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में काम करेगा। सुशासन का राज पहले भी था और आगे और मजबूती से कायम रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिस जंगलराज को खत्म किया गया था, वह अब वापस नहीं आएगा।  बिहार में अपराधियों का पिंडदान गया में होगा उनके एक पुराने बयान पर पूछा गया, तो सम्राट चौधरी ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है।


भाजपा के सर्वाधिक मंत्री 

गौरतलब है कि बिहार मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार गृह विभाग भाजपा को दिया है. नीतीश के अतिरिक्त 26 मंत्रियों ने शपथ ली थी जिसमें उप मुख्यमंत्री सह गृह मंत्री के रूप में सम्राट चौधरी बने हैं जबकि एक अन्य उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा को बनाया गया है. एनडीए के सभी घटक दलों से मंत्री जिसमे सबसे ज्यादा 14 मंत्री भाजपा से हैं, इसके बाद जदयू से और फिर लोजपा से 2 तथा हम और आरएलएम से 1-1 को मंत्री बनाया गया है. 

जदयू मंत्रियों का ज्यादा बजट 

नीतीश कुमार ने वर्ष 2005 से ही गृह विभाग अपने पास रखा था. यह पहला मौका है जब नीतीश कुमार ने गृह विभाग का जिम्मेदारी भाजपा के कोटे में दी है. हालांकि दो उप मुख्यमंत्री और 14 मंत्रियों के होने के बाद भी भाजपा के कोटे में आये विभागों का बजट जदयू से कम है. भाजपा के पास मात्र 29.22 फीसदी कुल बजट का विभाग है जबकि लोजपा के मंत्रियों के पास 0.91 फीसदी बजट वाले विभाग और हम के मंत्री के पास 0.58 फीसदी बजट वाले विभाग जबकि रालोमो के पास 3.56 फीसदी बजट वाला विभाग है. शेष बजट वाले विभाग जदयू के पास हैं जो कुल बजट का करीब 65 फीसदी होता है. 

वंदना की रिपोर्ट