EVM की काउंटिंग में जो उम्मीदवार हारा उसे आए ज्यादा वोट, सुप्रीम कोर्ट ने घोषित किया विजेता, तेजस्वी यादव ने मोदी-शाह को घेरा

EVM से हुई गिनती में जिसे सरपंच घोषित किया गया जब सुप्रीम कोर्ट ने अपनी निगरानी में गिनती कराई तो मामला उल्टा पड़ गया. अब पूरे मामले में तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी और अमित शाह को घेरा है.

evm recount- फोटो : news4nation

Bihar Assembly Election:  मोहित कुमार 2022 के सरपंच चुनाव में कुलदीप सिंह से हार गए. इवीएम से हुए चुनाव को उन्होंने चुनौती दी थी. लेकिन हाई कोर्ट ने दोबारा गिनती से इनकार कर दिया जिसके बाद मामला उच्चतम न्यायालय तक गया. सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्गणना का आदेश दिया और मोहित कुमार ने जीत हासिल की. भारत के चुनावी इतिहास में यह पहला मामला माना जा रहा है जिसके इवीएम की गिनती को चुनौती दी गई और मामला उलट गया. अब इसे लेकर सियासी भी गरम है. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को घेरा है. 


दरअसल,  दो वर्ष 10 माह पूर्व हुए सरपंच के चुनाव के परिणाम को सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने बदल दिया है. यह मामला हरियाणा के पानीपत ज़िले की बुआना लाखू ग्राम पंचायत में सरपंच पद के चुनाव का है.  यह मामला 2 नवंबर, 2022 को हुए चुनाव से शुरू हुआ था, जिसमें कुलदीप सिंह को विजेता घोषित किया गया था। लेकिन हार के बाद मोहित कुमार ने चुनाव परिणाम को चुनौती देते हुए अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (वरिष्ठ प्रभाग)-सह-चुनाव न्यायाधिकरण, पानीपत के समक्ष याचिका दायर की थी। न्यायाधिकरण ने 22 अप्रैल, 2025 को बूथ संख्या 69 की पुनर्गणना का आदेश दिया था, जो 7 मई को उपायुक्त द्वारा होनी थी। हालांकि, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 1 जुलाई को इस आदेश को रद्द कर दिया।


इसके बाद मोहित कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। शीर्ष अदालत ने 31 जुलाई को आदेश दिया कि सभी ईवीएम और चुनावी रिकॉर्ड कोर्ट परिसर में लाए जाएं और रजिस्ट्रार की निगरानी में पुनर्गणना की जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाए और दोनों पक्षों के प्रतिनिधि मौजूद रहें। 6 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त ओएसडी (रजिस्ट्रार) कावेरी की निगरानी में बूथ संख्या 65 से 70 तक की पुनर्गणना की गई। रिपोर्ट में सामने आया कि कुल 3,767 मतों में से मोहित कुमार को 1,051 वोट मिले, जबकि कुलदीप सिंह को 1,000 वोट प्राप्त हुए। 11 अगस्त को न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की पीठ ने इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कहा कि मोहित कुमार ही वास्तविक विजेता हैं।  


तेजस्वी का मोदी-शाह पर हमला

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हरियाणा के इस मामले को लेकर चुनाव आयोग को घेरा है. उन्होंने कहा, हरियाणा के एक पंचायत चुनाव में EVM काउंटिंग में एक बूथ में उम्मीदवार को जबरन हरा दिया। हारा हुआ प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट पहुँचा। सुप्रीम कोर्ट में वीडियोग्राफी के साथ सभी बूथों की EVM की गिनती हुई। हारा हुआ प्रत्याशी जीत गया लेकिन उसके कार्यकाल के तीन साल EVM की कृपा से कोई और फर्जी सरपंच रहा। एक बूथ की ईवीएम का यह हाल है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कैसे धांधली करके बीजेपी ने बीजेपी को जिताया जिसे बाद में कोर्ट ने खारिज किया। 


जूतों तले कुचलने नहीं देंगे

उसके बाद बीजेपी सरकार ने वीडियो रिकॉर्डिंग रखने के नियम बदल दिए। अब 45 दिन के बाद चुनाव आयोग आपको गिनती का वीडियो नहीं देगा। जब बीजेपी चुनाव आयोग के साथ मिलकर साक्ष्य को खत्म कर देगी तो आप कोर्ट में सबूत क्या रखेंगे? ये लोग लोकतंत्र के ख़िलाफ़ है इसलिए लोकतंत्र में ये दो लोग पारदर्शिता नहीं चाहते।  बिहार लोकतंत्र की जन्मस्थली है। चाहे जो भी हो, हम संविधान और लोकतंत्र को मोदी-शाह के जूतों तले कुचलने नहीं दे सकते। आप सभी लोग सतर्क, सावधान और जागरूक रहें।