Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले सियासी गरमी, तेजस्वी यादव का जनता को खुला पत्र, नीतीश राज पर सवालों की बौछार

Bihar Politics:तेजस्वी यादव का बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता को जोशीला पत्र लिखा है जिसमे एक नए बिहार का संकल्प लिया गया है।...

तेजस्वी का बिहार की जनता के नाम खत - फोटो : social Media

Bihar Politics: बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की जनता को संबोधित करते हुए एक नए, समृद्ध और प्रगतिशील बिहार का खाका पेश किया। अपने संबोधन में उन्होंने पिछले 20 वर्षों की एनडीए सरकार की नाकामियों को उजागर किया और अपनी सरकार के कार्यकाल में किए गए कार्यों को गिनाते हुए भविष्य के लिए एक मजबूत दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। तेजस्वी ने बिहार को देश का नंबर एक राज्य बनाने का संकल्प दोहराया, जिसमें युवाओं, वंचितों, दलितों, पिछड़ों और गरीबों के लिए विशेष योजनाओं पर जोर दिया।

तेजस्वी ने अपने 17 महीने के कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने 5 लाख नौकरियां दीं और साढ़े 3 लाख नौकरियां प्रक्रियाधीन कीं, जिससे उनकी इच्छाशक्ति और विजन का प्रमाण मिलता है। उन्होंने कहा, “हमने दिखा दिया कि अगर लगन, मेहनत और जोश हो, तो असंभव भी संभव हो जाता है।” उन्होंने एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार 20 साल तक “असंभव” का बहाना बनाकर जनता को भ्रमित करती रही। तेजस्वी ने 2020 के अपने चुनावी ब्लूप्रिंट का उल्लेख किया, जिसमें 10 लाख नौकरियों का वादा था, जिसे उस समय एनडीए ने मजाक उड़ाया था। लेकिन उनके कार्यकाल ने साबित किया कि यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

जातिगत जनगणना को समय और न्याय की मांग बताते हुए तेजस्वी ने कहा कि बिहार की एकता ने इसे संभव बनाया, जिसका लाभ पूरे देश को मिला। उन्होंने 65 प्रतिशत आरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और वचन दिया कि उनकी सरकार बनने पर डोमिसाइल नीति लागू होगी, जो बिहारियों की आन-बान-शान और गरिमा को सुनिश्चित करेगी। उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों पर एनडीए सरकार को घेरा और कहा कि उनकी सरकार ने 94 लाख गरीब परिवारों को 2 लाख रुपये देने और सामाजिक सुरक्षा पेंशन को 400 से बढ़ाकर 1500 रुपये करने का वादा किया, जिसने एनडीए को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया।

तेजस्वी ने बिहार में औद्योगिक विकास के लिए भी बड़ा खाका पेश किया। उन्होंने इंडस्ट्रियल पार्क, ग्लोबल आईटी पार्क, टेक्सटाइल पार्क, एजुकेशन सिटी, फार्मास्युटिकल उद्योग और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स जैसे विश्वस्तरीय प्रोजेक्ट्स की बात की। उन्होंने कहा, “मेरे इरादे नेक हैं, उम्र कच्ची है, लेकिन जुबान पक्की है।” तेजस्वी ने वादा किया कि उनकी सरकार बनने पर पहले दिन से समावेशी विकास और सकारात्मक राजनीति पर ध्यान दिया जाएगा, जिससे पांच साल में बिहार देश में नंबर एक बनेगा।

उन्होंने जनता से अपील की कि वोट की ताकत से इस “डबल स्टैंडर्ड” सरकार को हटाकर एक नए बिहार का निर्माण करें। तेजस्वी का यह संबोधन न केवल एक चुनावी वादा था, बल्कि बिहार के युवाओं और वंचित वर्गों में जोश और उम्मीद जगाने वाला एक मजबूत संदेश था।