Bihar Governor Oath : आरिफ मोहम्मद खान ने ली बिहार के राज्यपाल की शपथ, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने दिलाई शपथ, सीएम नीतीश रहे मौजूद
बिहार के नए राज्यपाल के रूप में आरिफ मोहम्मद खान को गुरुवार को शपथ दिलाई गई. शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के कई नेता मौजूद रहे. शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में आयोजित किया गया.
Bihar Governor Oath : आरिफ मोहम्मद खान ने गुरुवार को बिहार के राज्यपाल पद की शपथ ली। पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रण द्वारा उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के राजेंद्र मंडप हॉल में सुबह 11 बजे आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राज्य सरकार के मंत्रीगण और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित रहे।
नवनियुक्त राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान 30 दिसंबर को पटना पहुंचे। इससे पूर्व, वे केरल के राज्यपाल के रूप में कार्यरत थे। वहीं, बिहार के पूर्व राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अब केरल का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। आर्लेकर को मंगलवार को पटना से विदाई दी गई। उन्होंने 22 महीने तक बिहार के राज्यपाल के पद पर कार्य किया।
कौन हैं आरिफ मोहम्मद खान
आरिफ मोहम्मद खान की सियासी यात्रा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष बनने से हुई. 1977 में उनका बुलंदशहर के सियाना विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने और यूपी सरकार में मंत्री बनना बेहद अहम रहा. वहीं बाद में वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और 1980 में कानपुर और 1984 में बहराइच से लोकसभा के लिए चुने गए. 1986 में, उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बिल के पारित होने पर मतभेदों के कारण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़ दी, जिसे राजीव गांधी ने लोकसभा में पेश किया था.
बाद में आरिफ मोहम्मद खान जनता दल में शामिल हो गए और 1989 में फिर से लोकसभा के लिए चुने गए. जनता दल के शासन के दौरान खान ने नागरिक उड्डयन और ऊर्जा मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य किया.इसी दौरान नीतीश कुमार भी केंद्र में पहली बार मंत्री बने. तब दोनों ने एक ही सरकार के लिए मंत्री के रूप में काम किया. ऐसे में दोनों के बीच अहम मुलाकात और याराना का दौर 1989 में शुरू हुआ. सूत्रों का कहना है कि अब 35 वर्ष पुराने इस यारियां को बिहार में भुनाने में केंद्र की मोदी सरकार लग गई है.
कई दलों से बिठाया सामंजस्य
आरिफ मोहम्मद खान कांग्रेस, जनता दल, बसपा से होते हुए वर्ष 2004 में वह भाजपा में शामिल हो गए. यानी वे सभी दलों के साथ बेहतर सामंजस्य बिठाने में सफल रहे हैं. उनके इस सियासी कौशल को ही अब सम्भवतः भाजपा भुनाना चाहती है. उन्हें बिहार का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. हाल के समय में जदयू और भाजपा नेताओं के बीच दूरी बढ़ने की बातें आई. ऐसे में अब आरिफ के सहारे नीतीश कुमार से रिश्तों को और ज्यादा मजबूती देने की कोशिश होगी.