Bihar Politics: ममता का समर्थन कर अपने हीं जाल में फंसे राजद सुप्रीमो लालू प्राद यादव, कांग्रेस ने ऐसी कर दी मांग की तेजस्वी के छुटने लगे पसीने

लालू प्रसाद यादव और ममता बनर्जी के बीच बढ़ती नजदीकियां कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं। दोनों नेता विभिन्न राज्यों में अपने-अपने दलों का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके बीच सहयोग से एक मजबूत विपक्षी मोर्चा बनाने की संभावना बढ़ सकती है।

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अपने हीं जाल में फंसे लालू- फोटो : Social media

Bihar Politics: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंडी गठबंधन की कमान देने का समर्थन देकर कांग्रेस का तनाव बढ़ा दिया ।  लालू का बयान 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारी के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राजनीतिक पंडितों के अनुसार रणनीतिक चाल है, जिसका उद्देश्य कांग्रेस पर राजनीतिक दबाव बनाना है। लेकिन लालू अपने हीं जाल में फंसते नजर आ रहे हैं। 

लालू प्रसाद यादव और ममता बनर्जी के बीच बढ़ती नजदीकियां कई कारणों से महत्वपूर्ण हैं। दोनों नेता विभिन्न राज्यों में अपने-अपने दलों का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके बीच सहयोग से एक मजबूत विपक्षी मोर्चा बनाने की संभावना बढ़ सकती है। यह गठबंधन विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब देश में भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

लालू यादव का यह कदम कांग्रेस पार्टी पर राजनीतिक दबाव डालने का एक प्रयास भी हो सकता है। कांग्रेस वर्तमान में विभिन्न राज्यों में कमजोर स्थिति का सामना कर रही है। ऐसे समय में जब विपक्षी दलों को एकजुट होने की आवश्यकता है, लालू द्वारा ममता के साथ संबंध बढ़ाना कांग्रेस को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि लालू यादव ने इस स्थिति को समझते हुए सियासी मोहरा फेंका है। लालू यादव ने अचानक ममता बनर्जी का समर्थन कर कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों को एक मौका दे दिया। लेकिन अब कांग्रेस ने लालू के इस बयान का पलटवार करते हुए तेजस्वी यादव को मुश्किल में डाल दिया है। दरअसल, लालू और राजद की इच्छा है कि बिहार में तेजस्वी सरकार पूरी शक्तियों के साथ बने। तेजस्वी के लिए दो बार उपमुख्यमंत्री के रूप में अधूरे कार्यकाल का अनुभव कष्टकारी है। इसलिए, वो 2025 में हर हाल में स्थिति अपने हाथ में रखना चाहते हैं, लेकिन कांग्रेस इस पर सहमत नहीं दिखाई दे रही है।

2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में कौन किसके खिलाफ लड़ेगा और कौन जीतेगा, यह भविष्य बताएगा। लेकिन कांग्रेस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि ऐसे हालात में तेजस्वी यादव को खुला हाथ नहीं मिलेगा। कांग्रेस ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री मानने के लिए तो सहमति दी है, लेकिन उसे दो उपमुख्यमंत्री के पद चाहिए। इनमें से एक मुसलमान और दूसरा सवर्ण समाज के लिए आरक्षित होगा। यदि तेजस्वी की सरकार बनी और मुकेश सहनी भी शामिल रहे, तो उन्हें भी डिप्टी सीएम बनने की इच्छा है, जिसे वे कई बार सार्वजनिक कर चुके हैं। इस स्थिति में कांग्रेस ने तेजस्वी को अपने लिए दो उपमुख्यमंत्री पद की मांग पर फंसा दिया है।

बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के भीतर सत्ता-साझेदारी को लेकर तनाव बढ़ रहा है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) पर दबाव डालते हुए अपनी मांगें स्पष्ट कर दी हैं। बिहार कांग्रेस के प्रभारी शाहनवाज आलम ने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो कांग्रेस के लिए दो डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे, जिनमें से एक मुसलमान होगा। इस मांग के जरिए कांग्रेस महागठबंधन में अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। शाहनवाज आलम के बयान ने राजद की टेंशन बढ़ा दी है। 

इन मांगों ने आरजेडी के नेता और मौजूदा डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सामने मुश्किल स्थिति खड़ी कर दी है। अगर 2025 में महागठबंधन सत्ता में आता है, तो उन्हें तीन डिप्टी सीएम बनाने का विचार करना पड़ सकता है। लालू ने कांग्रेस को फांसने के लिए जाल फेंका था लेकिन वह अपने हीं जाल में उलझते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने उनका तनाव बढ़ा दिया है।


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