Patna highcourt v/s nagar nigam - पटना की सड़कों की दयनीय हालत पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, 5 साल पहले हुए टेंडर पर नहीं हुआ काम, नगर निगम से मांगा जवाब

Patna highcourt v/s nagar nigam - पटना की सड़कों की दयनीय स्थिति को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। कोर्ट को बताया गया कि पांच साल पहले जिस काम का टेंडर हुआ, वह भी पूरा नहीं हो सका है। हाईकोर्ट ने इस मामले में नगर निगम को जवाब देने के लिए कहा है।

Patna highcourt v/s nagar nigam - पटना की सड़कों की दयनीय हालत पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, 5 साल पहले हुए टेंडर पर नहीं हुआ काम, नगर निगम से मांगा जवाब

Patna - पटना हाईकोर्ट ने पटना के दक्षिणी भाग के सड़कों की  दयनीय और बदहाल स्थिति को गंभीरता से लिया है।जस्टिस आलोक कुमार सिन्हा ने अधिवक्ता मयूरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम को जवाब दायर करने के चार सप्ताह की मोहलत दी है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि  जहां पटना को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की प्राशसनिक तैयारियां हो रही है,वहीं दक्षिणी पटना के सड़को की हालत ग्रामीण क्षेत्रों सड़कों से भी गई गुजरी है।ये क्षेत्र सड़क और जलनिकास जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।

 उन्होंने बताया कि  दक्षिणी पटना के वार्ड नंबर 13 में वृन्दावन कालोनी है, सड़कों की हालत पूरी तरह खस्ता हैं।इन सभी सड़कों के निर्माण के 2020 -21 में टेंडर जारी कर दिया गया।इन सड़कों के निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है।इसका खामियाजा यहाँ रहने वाले नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 2020 से धन की कमी के कारण  पटना नगर निगम ने सड़कों की निर्माण में बिलम्व का कारण बताया।प्रावधानों के अनुसार सड़क निर्माण और उसके लिए धन की व्यवस्था करना निगम का बुनियादी कार्य है।इस सम्बन्ध में  सम्बन्धित कार्यालय में आवेदन दिया गया था।

सम्बन्धित अधिकारी ने इस सड़क को एक माह में बनाने का निर्देश दिया था,लेकिन एक साल बाद भी कार्य शुरु नहीं हुआ था ।कार्य बाद में प्रारम्भ हुआ,लेकिन अब तक ये सड़क पूरी तरह से बना नही है। इन सड़कों पर वाहनों,दुपहियों,कारों का चलना तो दूर,पैदल चलना मुश्किल होता है।बरसात के दिनों में यहाँ नर्क को स्पष्ट देखा जा सकता है।

इस सम्बन्ध में सम्बंधित अधिकारियों को कई बार पत्र लिखा जा चुका हैं।लेकिन इनके कानों पर जूं नहीं रेंगता हैं।ये सड़क ऐसी स्थिति में हैं कि लगातार दुर्घटना घटती रहती है। इस मामलें पर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद की जाएगी।

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