Pappu Yadav Vs Santosh Kushwaha: पप्पू यादव और पूर्व सांसद भिड़ंत, धूर्त निर्लज्ज जैसे शब्दों का प्रयोग, बेशर्मी की हद पार की !

Pappu Yadav Vs Santosh Kushwaha: पूर्णिया सांसद और पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा के बीच जुबानी जंग शुरु हो गया है। दोनों एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इससे सियासत गरमा गई है।

Pappu Yadav,  Santosh Kushwaha
Pappu Yadav Vs Santosh Kushwaha- फोटो : social media

Pappu Yadav Vs Santosh Kushwaha:  बिहार के नेताओं में क्रेडिट लेने की होड़ मची रहती है। कई नेता कई कामें के होने का क्रेडिट लेते हैं और एक दूसरे पर वार-पलटवार भी करते हैं। एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है। दरअसल, बीते दिन केंद्र की मोदी सरकार ने किशनगंज और कुर्सेला-बिहारीगंज रेल परियोजनाओं के 170.8 करोड़ रुपए आवंटन कर दिया है। इसके बाद से ही बिहार की सियासत गरमा गई है। पूर्णिया से निर्दलीय  सासंद पप्पू यादव  और पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा एक दूसरे से भीड़ गए हैं। । दोनों नेताओं के बीच बयानबाजी इतनी तीखी हो गई कि मर्यादाएं भी टूटने लगीं।

पप्पू यादव का बयान 

बता दें कि, सांसद पप्पू यादव ने दावा किया कि यह फंडिंग उनके निरंतर प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि उन्होंने संसद में इस मुद्दे को बार-बार उठाया और रेल मंत्री से कई बार मुलाकात की। उन्होंने कहा कि "उन्होंने संसद में इस मुद्दे को 10 बार उठाया और 5 बार रेल मंत्री से मुलाकात की। किशनगंज-जलालगढ़ और कुर्सेला-बिहारीगंज रेललाइन के लिए उन्होंने चार बार जीएम से मुलाकात की और आठ चिट्ठियां लिखीं। यह उनके लिए एयरपोर्ट के बाद दूसरी सबसे बड़ी जीत है।"

संतोष कुशवाहा का पलटवार 

वहीं, पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह उनके प्रयासों का नतीजा है, क्योंकि उन्होंने भी इस परियोजना के लिए कई बार संसद में आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा कि, "पूर्णिया के विकास में मेरी भी अहम भूमिका रही है। मैंने 2019, 2020 और 2024 में कई बार संसद में इस परियोजना की मांग उठाई थी। यह मेरे प्रयासों का ही परिणाम है कि केंद्र सरकार ने अब फंडिंग की स्वीकृति दी है।"

दोनों नेताओं में क्रेडिट लूटने की होड़

इस फंडिंग को लेकर दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर श्रेय लेने का आरोप लगाया। कुशवाहा ने कहा, "कौन ईमानदार राजनीति कर रहा है, यह जनता तय करेगी। हमने कभी किसी और के काम का क्रेडिट लेने की कोशिश नहीं की। विकास कोई अलादीन का चिराग नहीं है, यह सतत प्रयासों से होता है।" इस पर पप्पू यादव ने जवाब देते हुए कहा, "अगर यह आपकी ही मेहनत थी, तो जब आप सांसद थे, तब फंडिंग क्यों नहीं मिली? सरकार ने यह राशि मेरे सवालों के जवाब में आवंटित की है। जनता को सच जानने का हक है।"

झूठ और धूर्तता की हद

इस बहस के दौरान भाषा की मर्यादा भी टूटती नजर आई। पप्पू यादव ने कहा, "झूठ और धूर्तता की भी हद होती है। पप्पू यादव ने कहा है कि संतोष कुशवाहा झूठ बोल रहे हैं। वे धूर्तता और निर्लज्जता की सीमा को पार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, अगर पूर्व सांसद में हिम्मत है तो बताए कि पूर्णिया के लिए उन्होंने सांसद रहते हुए कौन-सा बड़ा काम किया?" वहीं, कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा, "मैंने अपने वादे पूरे किए हैं और जनता इसका साक्षी है। जिन्होंने कुछ नहीं किया, वे अब झूठे दावे कर रहे हैं।"

एक दूसरे पर लगाया गंभीर आरोप 

किशनगंज और कुर्सेला-बिहारीगंज रेल परियोजनाओं के लिए फंडिंग को लेकर यह राजनीतिक लड़ाई आगे और तेज हो सकती है। दोनों नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ इस मुद्दे को भुनाने में जुट गए हैं। अब देखना यह होगा कि जनता किसे सही मानती है और किसे 'क्रेडिट लेने की होड़' में शामिल समझती है। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर श्रेय लेने का आरोप लगाया, जिससे यह मुद्दा और विवादास्पद हो गया। पप्पू यादव ने सवाल उठाया कि अगर यह कुशवाहा के प्रयासों का नतीजा था, तो उनके कार्यकाल में फंडिंग क्यों नहीं मिली। वहीं, कुशवाहा ने पलटवार करते हुए कहा कि जनता उनके काम की गवाह है और झूठे दावों से सच्चाई नहीं बदलेगी।

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