Purnia Russell Viper snake bite: पूर्णिया GMCH में बच्ची की जान बचाने के लिए रसेल वाइपर के साथ पहुंचे परिजन, अस्पताल में मची अफरातफरी

Purnia Russell Viper snake bite: पूर्णिया GMCH में रसेल वाइपर द्वारा काटी गई किशोरी के इलाज के दौरान अस्पताल में मची अफरातफरी। जानिए घटना की पूरी कहानी और सर्पदंश से जुड़ी जरूरी जानकारी।

रसेल वाइपर के साथ पहुंचे परिजन- फोटो : news4nation

Purnia Russell Viper snake bite: पूर्णिया GMCH में गुरुवार रात उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब सर्पदंश के शिकार किशोरी के परिजन अपने साथ जहरीले रसेल वाइपर लेकर पहुंच गए। विषधर रसल वाइपर को देख डॉक्टर और स्टाफ डर गए। परिजनों ने डब्बे से सांप निकाला और डॉक्‍टर से कहा- मेरी किशोरी को इस सांप ने डस लिया है, डॉक्टर साहब किसी तरह बच्ची की जान बचा लें।फिलहाल इलाज के बाद सर्पदंश की शिकार किशोरी की हालत फिलहाल स्थिर बनी है। 

डॉक्टरों ने किशोरी को 24 घंटे के लिए निगरानी में रखा गई। घटना की जानकारी देते हुए किशोरी के चाचा छोटू पासवान ने बताया कि रात गए करीब 9 बजे लाइट अचानक चली गई। काफी गर्मी होने की वजह से बच्ची आंगन में टहल रही थी। इसी दौरान आंगन में छिपा रसेल वाइपर निकला और उसने पैर में डस लिया। सांप के डसते ही किशोरी के चीखने पर घर के लोग आंगन में पहुंचे। टॉर्च की रौशनी जलाकर देखने पर एक रसेल वाइपर भागता हुआ दिखाई दिया। जिसे उन्होंने पकड़ लिया और डब्बे में बंद कर दिया। 

किशोरी की बिगड़ती तबियत देख GMCH पूर्णिया पहुंचे

इधर किशोरी की बिगड़ती तबियत को देखते हुए वे उसे लेकर GMCH पूर्णिया पहुंचे। जबकि बच्ची के इलाज में सहूलियत हो, इसे देखते हुए वे सांप को डब्बे में बंद कर अस्पताल ले आए। चिकित्सक जैसे ही सर्पदंश की शिकार बच्ची के इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे। जहरीले रसेल वाइपर को देख डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ के होश ही उड़ गए। फुंफकार मारते सांप को देखते मरीजों के बीच अफरातफरी की स्थिति पैदा हो गई। 

परिजनों ने रसेल वाइपर को डब्बे में बंद कर दिया

डॉक्टर से सांप की पहचान कराने के बाद परिजनों ने रसेल वाइपर को डब्बे में बंद कर दिया और इलाज के बाद बच्ची के ठीक होने का इंतजार करते रहे। परिजनों ने कहा कि किशोरी की तबियत में सुधार के बाद वे सांप को जंगल में सकुशल छोड़ देंगे। जानकारी देते हुए GMCH के डॉक्टर ने कहा कि बच्ची को जहरीले रसेल वाइपर ने काटा है। परिजनों की मदद से बच्ची को ससमय एमरजेंसी वार्ड में एडमिट कराया।

पूर्णिया से अंकित कुमार की रिपोर्ट