Bihar News: सहरसा दौरे पर पहुंचे सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार, बोले—हर गांव तक पहुँचाएँगे बैंकिंग सुविधा
Bihar News: बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार सहरसा पहुंचे. जहाँ उन्होंने कहा की उनका प्रयास हर गाँव तक बैंकिंग सुविधा पहुंचाने का है........पढ़िए आगे
Saharsa: बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार शुक्रवार को विशेष दौरे पर सहरसा पहुँचे। उनका मुख्य उद्देश्य सहरसा और मधेपुरा में सहकारिता बैंक खोलने की योजना की समीक्षा करना था। मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि सहकारिता बैंकिंग व्यवस्था से हर छोटे-बड़े व्यवसायी, किसान और सामान्य नागरिक को आसान वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराई जाएँ। मंत्री प्रेम कुमार ने कहा“हमारा विज़न है कि सहकारिता बैंक और पैक्स के माध्यम से ग्रामीण-शहरी जनता को कर्ज़, बचत और अन्य वित्तीय सुविधाएँ सीधे उनके क्षेत्र में मिलें। जल्द ही सहरसा और मधेपुरा में दो नए सहकारिता बैंक खोले जाएंगे।” उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग की ओर से हर पंचायत में प्राथमिक कृषि साख सहयोग समिति (पैक्स) के जरिए सीएससी केंद्र खोले गए हैं, जहाँ निवास, आय, जाति और जन्म प्रमाणपत्र जैसी सेवाएं मिल रही हैं।
लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही तस्वीर पेश करती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक सहरसा जिले में मंत्री के दावे फेल नज़र आ रहे हैं। अधिकांश पैक्स केंद्रों पर सीएससी सेवाएँ नहीं मिल रहीं। कई जगह किसानों को न तो धान सरकारी मूल्य पर बेचना संभव हो रहा है और न ही खाद उचित मूल्य पर मिल पा रहा है। यही नहीं, पैक्स गोदाम के लिए दिए गए कंप्यूटर और इन्वर्टर भी निजी स्वार्थ में अध्यक्ष और प्रबंधक अपने घरों में इस्तेमाल कर रहे हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि अगर विभाग सख्ती नहीं करेगा तो सहकारिता की जड़ें मज़बूत नहीं हो पाएंगी।
फिर भी सहरसा के कई व्यापारियों और किसान नेताओं ने मंत्री की इस योजना का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए तो यह क्षेत्रीय विकास के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
इस मौके पर मंत्री प्रेम कुमार के साथ जिला सहकारिता पदाधिकारी जयप्रकाश कुमार, नवहट्टा प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी भरत भूषण समेत कोसी क्षेत्र—सुपौल, सहरसा और मधेपुरा के सहकारिता अधिकारी मौजूद थे। पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा हम बिहार में सहकारिता के माध्यम से विकास को गति देना चाहते हैं। हर व्यक्ति तक कर्ज़ और वित्तीय सेवाएँ सहज रूप से पहुँचें, यही हमारी प्राथमिकता है।
रिपोर्ट - दिवाकर कुमार दिनकर