Bihar News : हाई प्रोफाइल फोन और 24 घंटे में न्याय! FIR के बावजूद शराब मामले का आरोपी थाने से रिहा, एएसपी बोले....

Bihar News : शेखपुरा में हाईप्रोफाइल फोन के बाद 24 घंटे के बाद शराब रखने के आरोपी को थाने से छोड़ दिया गया. जिसकी जिले में खूब चर्चा हो रही है......पढ़िए आगे

थाने का न्याय - फोटो : SOCIAL MEDIA

SHEKHPURA : जिले में पहली बार ऐसा हुआ है कि कथित तौर पर शराब के साथ पकड़ा गया आरोपी महज 24 घंटे के अंदर ही थाने से छूट गया. एक हाई प्रोफाइल फोन और देखते ही देखते सब कुछ बदल गया. यह मामला अब आम लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल सोमवार की रात्रि बरबीघा थाना पुलिस को सूचना मिली कि पिंजड़ी गांव के रहने वाले राम उदय सिंह के पुत्र रौशन कुमार देसी शराब छुपा कर रखे हुए हैं. 

आरोपी को थाने ले गयी पुलिस

सूचना मिलते ही बरबीघा थाना के सब इंस्पेक्टर कौशर आलम दलबल के साथ गांव पहुंच गए.पुलिस द्वारा घेराबंदी करके  जांच शुरू की गई.कथित तौर पर आरोपी के घर से कुछ फ़ीट की दूरी पर स्थित दालान के अंदर रखे भूसे के ढेर से पुलिस को देसी शराब बरामद हुआ.पुलिस ने कुल लोकल बोतल में बंद 12 लीटर देसी शराब बरामद किया. फिर क्या था पुलिस शराब के साथ रौशन कुमार को पकड़कर थाने लेकर चली गई. मंगलवार की सुबह इस मामले में सब इंस्पेक्टर कौशर आलम के बयान पर बरबीघा थाना अध्यक्ष गौरव कुमार ने एक  प्राथमिकी ( FIR संख्या 238/25) दर्ज कर दिया.

प्राथमिक़ी के बाद शुरू हुआ असली खेल

रौशन कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने के बाद काफी संख्या में ग्रामीण लोग थाने पहुंचने लगे. ग्रामीणों का कहना था कि विरोधियों के द्वारा रौशन कुमार को फंसाने की कोशिश की गई है.सूत्रों के मुताबिक इसी बीच जिले के  वरीय पदाधिकारी को एक हाई प्रोफाइल फोन जाता है. तुरंत मामले पर संज्ञान लेते हुए एएसपी खुद जांच करने के लिए गांव पहुंचते हैं. एएसपी डॉ राकेश कुमार के मुताबिक गांव पहुंचते ही सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण उन्हें घेर लेते हैं. ग्रामीण एक सुर में कहने लगते हैं कि रौशन कुमार को फंसाया जा रहा है. कथित तौर पर आरोपी का पारिवारिक बैकग्राउंड बहुत ही अच्छा है. उनके बाबा शिक्षक रहे है.उनके पिताजी गांव के एक सभ्य आदमी और मेहनती किसान है. फिर क्या था एएसपी साहब ग्रामीणों के बयान से संतुष्ट हो जाते है. इसके बाद उनके आदेश पर थाने की हाजत में बंद रौशन कुमार को छोड़ दिया गया.

क्या कहते है अधिकारी

मामले को लेकर एएसपी डॉक्टर राकेश कुमार का कहना है की प्रथम दृष्टिया यह मामला शराब रखकर फंसाने का प्रतीत हो रहा है. फिलहाल आरोपी को थाने से छोड़कर मामले में पूरी अनुसंधान शुरू कर दी गई है. वही मामले को लेकर अब लोगों में अलग-अलग तरह की राय चर्चा का विषय बन गई है. कुछ लोग कह रहे हैं कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस को जांच करने की आवश्यकता क्यों पड़ी? अगर रौशन कुमार निर्दोष था तो फिर उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों किया गया? पुलिस अन्य मामलों में इतनी निष्पक्षता क्यों नहीं अपना आती है? क्या सिर्फ पैरवी पहुंच वालों के लिए ही 24 घंटे के अंदर निष्पक्ष जांच हो सकता है? इसके अलावा भी कई तरह के सवाल है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

उमेश की रिपोर्ट