'सफेद जहर' के सौदागरों पर STF का 'सर्जिकल स्ट्राइक', 10 लाख की हेरोइन जब्त, ट्रेन से तस्करी करने वाले गिरोह का 'द एंड'

पुलिस ने करीब 10 लाख रुपये मूल्य की 42.18 ग्राम हेरोइन के साथ एक महिला समेत दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। वे असम से ट्रेन के माध्यम से हेरोइन की खेप लेकर आते थे

वैशाली पुलिस की बड़ी कार्रवाई।- फोटो : रिषभ कुमार

Vaishali - वैशाली पुलिस और बिहार एसटीएफ (STF) की विशेष टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक अंतरराज्यीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। बिदुपुर थाना क्षेत्र में हुई इस बड़ी कार्रवाई में पुलिस ने करीब 10 लाख रुपये मूल्य की 42.18 ग्राम हेरोइन के साथ एक महिला समेत दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार तस्करों के पास से नगदी और ट्रेन टिकट भी बरामद किए गए हैं।

असम से ट्रेन के जरिए हो रही थी तस्करी 

सदर एसडीपीओ-1 सुबोध कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार तस्करों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वे असम से ट्रेन के माध्यम से हेरोइन की खेप लेकर आते थे. तस्करों का यह नेटवर्क ट्रेन का इस्तेमाल कर दूसरे राज्यों से मादक पदार्थ बिहार लाता था और फिर स्थानीय स्तर पर इसकी आपूर्ति करता था। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि असम में इनका सप्लायर कौन है और वैशाली में यह खेप किसे सौंपी जानी थी।

एसटीएफ की सूचना पर बिछाया गया जाल 

पुलिस को यह सफलता बिहार एसटीएफ, पटना से मिली गुप्त सूचना के आधार पर मिली। सूचना थी कि तस्कर मादक पदार्थ की खरीद-बिक्री के लिए बिदुपुर थाना क्षेत्र में सक्रिय हैं। इसके बाद एसपी के निर्देश पर एसडीपीओ सुबोध कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम में दंडाधिकारी और बिदुपुर थानाध्यक्ष शामिल थे। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घेराबंदी की और दोनों तस्करों को रंगे हाथ दबोच लिया.

बरामदगी और गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 

पुलिस ने मौके से 42.18 ग्राम हेरोइन, 1270 रुपये नकद, एक आधार कार्ड और एक रेल टिकट जब्त किया है। गिरफ्तार तस्करों की पहचान नगर थाना क्षेत्र के चकवारा निवासी राजू कुमार (पिता: स्व. केदार राय) और गंगाब्रिज थाना क्षेत्र के तेरसिया निवासी ललिया देवी (पति: भदई महतो) के रूप में हुई है।

फाइनेंसर और अन्य तस्करों की तलाश जारी 

एसडीपीओ सुबोध कुमार ने बताया कि इस मामले में कुल चार लोगों के खिलाफ बिदुपुर थाने में कांड संख्या 698/25 दर्ज किया गया है. पुलिस अब गिरोह के फाइनेंसर और अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस का मानना है कि इनके मोबाइल रिकॉर्ड और पूछताछ से तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।