'अमेजन' स्टाइल में गांजे की सप्लाई! ऑनलाइन पेमेंट 45 मिनट में घर पर डिलिवरी
पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो ऑनलाइन ऐप्स के माध्यम से गांजे की तस्करी कर रहा था। पुलिस ने इस गिरोह के सरगना समेत कुल 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।इन आरोपियों के पास से 10 किलो प्रीमियम क्वालिटी का गांजा जब्त किया गया है।
पुलिस ने एक ऐसे सक्रिय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो ई-कॉमर्स कंपनियों की तर्ज पर ऑनलाइन ऐप्स के जरिए गांजे की सप्लाई कर रहा था। यह गिरोह ग्राहकों से ऑनलाइन पेमेंट लेता था और घर पर या ग्राहक द्वारा बताई गई लोकेशन पर, खासकर कॉलेज और कॉर्पोरेट ऑफिस के पास, गांजे की डिलीवरी करता था। पुलिस ने इस गैंग के सरगना योगेंद्र प्रताप सिंह समेत उसके दो साथियों सूरज और शिवकेश को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 10 किलो प्रीमियम क्वालिटी का गांजा (OG, Mango, Shillong स्ट्रेन) और तस्करी में इस्तेमाल होने वाली सामग्री बरामद की गई है।
ई-कॉमर्स पैकिंग और 45 मिनट में डिलीवरी का तरीका
पुलिस जाँच में खुलासा हुआ कि यह गिरोह तस्करी के लिए बेहद चालाकी से काम कर रहा था। तस्कर ग्राहकों को चकमा देने और पुलिस से बचने के लिए अपने घर पर ही अमेजन और अन्य बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे दिखने वाले नकली पैकेट तैयार करते थे। ऑर्डर मिलने पर, ग्राहक ऑनलाइन पेमेंट करते थे, जिसके बाद ये गैंग 30 से 45 मिनट के भीतर गांजे की डिलीवरी कर देता था। इस नमी डिलीवरी कंपनी के रैपर का इस्तेमाल कर आरोपी लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहे थे। डीसीपी नोएडा यमुना प्रसाद ने बताया कि ये तस्कर महंगी और प्रीमियम कैटेगरी का गांजा (जैसे OG, Mango Kush और Shillong) बेच रहे थे, जिसकी कीमत सामान्य बाजार से कई गुना अधिक होती है।
तकनीकी तरीके से चल रहा था अवैध कारोबार
यूपी की नोएडा की सेक्टर-113 पुलिस ने बताया कि इस गिरोह का पर्दाफाश सूचना मिलने के बाद जाल बिछाकर किया गया। पुलिस को सेक्टर 75, सेक्टर 113 और आसपास के क्षेत्रों में नकली ई-कॉमर्स पैकेटों में गांजा सप्लाई किए जाने की खबर मिली थी। तस्कर ऐप्स और मैसेज के जरिए ऑर्डर लेते थे और अमेजन जैसी पैकिंग का इस्तेमाल करते थे ताकि किसी को शक न हो। पुलिस ने तीनों आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ा। इनके कब्जे से 10 किलो गांजा, इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन, अमेजन जैसी पैकिंग सामग्री, डिलीवरी बैग और मोबाइल फोन जैसे साक्ष्य बरामद किए गए हैं। पुलिस अब इस तकनीकी तरीके से चल रहे अवैध कारोबार के नेटवर्क की आगे की जांच कर रही है।