Smuggling of Drugs: औरंगाबाद में नशे का कारोबार! ब्राउन शुगर तस्करी का भंडाफोड़, चार तस्कर गिरफ्तार
Bihar Smuggling of Drugs:बिहार में धीरे-धीरे नशे का कारोबार शहर केगली-मुहल्लों से लेकर गांव तक पांव पसार रहा है। गांजे से शुरू हुई नशे की यह लत अब धीरे-धीरे स्मैक व ब्राउन शुगर तक पहुंच गई है।

Bihar Smuggling of Drugs:बिहार में धीरे-धीरे नशे का कारोबार शहर केगली-मुहल्लों से लेकर गांव तक पांव पसार रहा है। गांजे से शुरू हुई नशे की यह लत अब धीरे-धीरे स्मैक व ब्राउन शुगर तक पहुंच गई है। औरंगाबाद जिले में ब्राउन शुगर तस्करों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दाउदनगर पुलिस ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में ब्राउन शुगर और नगद रुपए बरामद किए गए हैं। यह कार्रवाई कई दिनों से मिल रही गुप्त सूचना के आधार पर की गई है।
SIT की छापेमारी में बड़ा खुलासा
दाउदनगर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कुमार ऋषि राज ने बताया कि उन्हें सूचना मिल रही थी कि अरई से हसपुरा जाने वाली सड़क के बल्हमा मोड़ के पास ब्राउन शुगर का अवैध कारोबार हो रहा है। इस सूचना के आधार पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया और छापेमारी की योजना बनाई गई।
SIT की टीम ने मौके पर पहुंचकर विधिवत कार्रवाई की और चार तस्करों को ब्राउन शुगर और नगद रुपयों के साथ गिरफ्तार कर लिया। पुष्कर कुमार – चांदी गांव, हसपुरा थाना क्षेत्र,रौशन कुमार – बिगन बिगहा, दाउदनगर थाना क्षेत्र,अनिल यादव – बाबू अमौना, महावीरगंज,भीम कुमार – बाबू अमौना को गिरफ्तार किया है।
पूछताछ के दौरान सभी आरोपियों ने अपराध स्वीकार कर लिया है, और पुलिस अब इनके नेटवर्क का विस्तृत रूप से पता लगाने में जुटी हुई है। पुलिस अन्य संभावित तस्करों की भी पहचान कर रही है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही जा रही है।
युवा पीढ़ी और नशे की लत
एक पुड़िया ब्राउन शुगर की कीमत 300 से 500 रुपये होती है। बेरोजगार और आर्थिक रूप से कमजोर युवक, नशे की लत के चलते इस महंगे नशे को पाने के लिए चोरी, छिनतई और अन्य अपराधों की ओर बढ़ रहे हैं।
शराबबंदी के बाद राज्य के ग्रामीण इलाकों में नशीले पदार्थों का सेवन बढ़ा है, जो अब एक सामाजिक संकट का रूप ले चुका है। अगर समय रहते इस पर कड़ा कदम नहीं उठाया गया, तो औरंगाबाद जैसे जिले में युवाओं का अपराध की दुनिया में झुकाव एक गंभीर चुनौती बन सकता है।
रिपोर्ट- दीनानाथ मौआर