Bihar Crime: खाकी के दावों के बीच बिहार में बेखौफ अपराधियों का तांडव, सड़कों पर गोलियां, लाठियां और लूट से दहशत में लोग

Bihar Crime:डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के गृह विभाग की कमान संभालते ही यह दावा किया गया था कि अब बिहार से अपराध का नामो-निशान मिट जाएगा।मगर हकीकत इससे बिल्कुल जुदा नजर आ रही है।

खाकी के दावों के बीच बिहार में बेखौफ अपराधियों का तांडव- फोटो : social Media

Bihar Crime: डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के गृह विभाग की कमान संभालते ही यह दावा किया गया था कि अब बिहार से अपराध का नामो-निशान मिट जाएगा। मगर हकीकत इससे बिल्कुल जुदा नजर आ रही है। बीते महज 24 घंटों में सूबे के अलग-अलग जिलों से जो खौफनाक वारदातें सामने आई हैं, उन्होंने इन दावों की हवा निकाल दी है। अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि राजधानी पटना भी अब महफूज नहीं रही।

सबसे पहले बात राजधानी पटना की तो पटना के बाढ़ अनुमंडल में अपराधियों ने जिस बेखौफ अंदाज में तांडव मचाया, उसने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। बख्तियारपुर फोरलेन मोड़ पर बाइक सवार युवक प्रिंस, जो खुसरूपुर का रहने वाला है, पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों के निशाने पर आ गया। बताया जा रहा है कि प्रिंस अपने भाई को परीक्षा दिलाकर हरनौत से घर लौट रहा था। तभी आपसी रंजिश में अपराधियों ने उसे रोका, लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा और जब वह जान बचाकर भागने लगा तो उसके पैर में गोली मार दी। सरेआम गोली चलने से इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस इसे आपसी दुश्मनी बता रही है, लेकिन सवाल यह है कि अपराधियों को कानून का कोई खौफ क्यों नहीं?

उधर गोपालगंज जिले में भी खून-खराबे का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। मांझा थाना क्षेत्र के भोजपुरवा गांव के पास ट्रैक्टर लेकर जा रहे 18 वर्षीय पीयूष कुमार को बाइक सवार बदमाशों ने गोली मार दी। पीयूष चीनी मिल से गन्ना गिराकर लौट रहा था। वारदात के बाद अपराधी फरार हो गए और घायल को पहले सदर अस्पताल, फिर गोरखपुर रेफर करना पड़ा। पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है, लेकिन पीड़ित परिवार इंसाफ़ की राह ताक रहा है।

समस्तीपुर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में बच्चों के मामूली विवाद ने वहशीपन का रूप ले लिया। दबंग पड़ोसियों ने एक महिला शोभा देवी को बेरहमी से पीटकर जख्मी कर दिया। वहीं वैशाली के लालगंज में तो हद ही हो गई—अमरूद देने में महज पांच मिनट की देरी पर दुकानदार की पिटाई कर दी गई और दुकान से नकदी लूट ली गई। पूरी वारदात सीसीटीवी में कैद है।

इन घटनाओं ने एक ही सवाल खड़ा कर दिया है जब गृह विभाग के दावों के बावजूद सड़कों पर जुर्म का राज है, तो आम आदमी आखिर खुद को महफूज कैसे माने?