Bihar Crime News:बिहार में साइबर धोखाधड़ी की जांच ईओयू की मदद से करेगी CBI, सिमबॉक्स के जरिए हो रही अंतरराष्ट्रीय ठगी की पड़ताल तेज
Bihar Crime News: बिहार के ग्रामीण इलाकों में फैले सिम बॉक्स रैकेट और अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए होने वाली साइबर ठगी अब केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर है। राज्य सरकार द्वारा सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी करने के बाद मामला तेज हो गया है।
Bihar Crime News: बिहार के ग्रामीण इलाकों में फैले सिम बॉक्स रैकेट और अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के जरिए होने वाली साइबर ठगी अब केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर है। राज्य सरकार द्वारा सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी करने के बाद मामला तेज हो गया है। बिहार EOU (आर्थिक अपराध इकाई) ने सिम बॉक्स से जुड़े सभी केस सीबीआई को सौंप दिए हैं। अब CBI की आर्थिक अपराध शाखा की टीम अगले हफ्ते पटना आने वाली है, जहां वह नई FIR दर्ज कर औपचारिक रूप से जांच का जिम्मा संभालेगी।
यह गिरोह ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे कमरों, किराए के मकानों और ठिकानों में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज तैयार कर रहा था, जिसके जरिए अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को लोकल नेटवर्क पर रूट कर भारी मुनाफा कमाया जा रहा था। इसके सहारे साइबर ठगी, फिशिंग कॉल्स और विदेशी नंबरों को छुपाकर भारत में क्राइम ऑपरेट किए जाने के शक भी गहरा रहे हैं।
जुलाई–अगस्त 2024 में सिम बॉक्स रैकेट के कई बड़े खुलासे हुए थे। सुपौल में 21 वर्षीय हर्षित कुमार चार सिम बॉक्स समेत गिरफ्तार हुआ। भोजपुर के नारायणपुर से मुकेश कुमार भी चार सिम बॉक्स के साथ पकड़ा गया। इस नेटवर्क का धागा खिंचकर झारखंड के देवघर तक पहुंचा, जहां से मुकेश महतो को गिरफ्तार किया गया। सितंबर में मोतिहारी, समस्तीपुर, पूर्णिया और वाराणसी में छापेमारियों के दौरान कई और सिम बॉक्स मिले। गिरोह का सरगना अंजनी उर्फ़ नेताजी छापेमारियों के वक्त फरार हो गया और अब तक उसकी तलाश जारी है।
मार्च 2024 में गोपालगंज में भी इसी तरह का नेटवर्क पकड़ा गया था। इससे साफ होता है कि बिहार और आसपास के राज्यों में यह पूरा ‘साइबर कॉल रूटिंग माफिया’ गहरे फैल चुका है।
EOU की जांच से पता चला कि यह नेटवर्क कई राज्यों में फैले ठगों की मदद कर रहा था। विभिन्न राज्यों की साइबर हेल्पलाइन, शिकायत पोर्टल और हेल्पडेस्क पर मिली शिकायतों के आधार पर जांच आगे बढ़ी। जानकारी मिलने पर EOU ने दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर कई जिलों में छापेमारी की और अवैध कॉल कन्वर्ज़न उपकरणों—यानी सिम बॉक्स, मल्टी सिम गेटवे, सॉफ्टवेयर रिग्स—बरामद किए।
अब CBI पूरे मामले की केंद्रित और व्यापक जांच करेगी। इसका मकसद केवल उपकरण बरामद करना नहीं, बल्कि पूरे इंटरस्टेट नेटवर्क, पैसे की आवाजाही, डिजिटल ट्रेल, और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन तक पहुंचना है। फरार मास्टरमाइंड अंजनी उर्फ नेताजी की तलाश भी CBI के हाथों में जाएगी।
साफ है कि आने वाले सप्ताहों में सिम बॉक्स माफिया के खिलाफ बिहार में बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।