Chandan Mishra Murder Case: चंदन मिश्रा मर्डर केस के पांच मुजरिमों पर स्पीडी ट्रायल, कोर्ट के कड़े रुख के बाद शिकंजा कसने को तैयार कानून का पंजा
Chandan Mishra Murder Case: एसीजेएम कोर्ट ने इस हाई-प्रोफाइल केस में गिरफ्तार पांच आरोपितों के मामले का दौरा सुपुर्दगी करते हुए पूरा अभिलेख प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास ट्रायल के लिए भेज दिया है।
Chandan Mishra Murder Case: अपराध की दुनिया में सनसनी फैलाने वाले चर्चित चंदन मिश्रा हत्याकांड ने एक बार फिर नया मोड़ ले लिया है। एसीजेएम कोर्ट ने इस हाई-प्रोफाइल केस में गिरफ्तार पांच आरोपितों के मामले का दौरा सुपुर्दगी करते हुए पूरा अभिलेख प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पास ट्रायल के लिए भेज दिया है। अदालत के इस कदम को अपराध जगत की ज़बान में कहें तो अब कानून का पंजा इन पाँचों पर और मजबूती से कसने वाला है।
लोक अभियोजक राजेश कुमार के मुताबिक पुलिस ने इस ‘किरकिरा फाइल’ को पुख्ता बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सीसीटीवी फुटेज, वैज्ञानिक परीक्षण, तकनीकी जांच, एफएसएल रिपोर्ट और कई अहम सुबूत जुटाए गए हैं। यही वजह है कि कोर्ट ने दाखिल चार्जशीट पर तुरंत संज्ञान लिया और पुलिस पेपर की औपचारिकताएं पूरी कराते हुए मामले को स्पीडी ट्रायल की राह पर भेज दिया।
फिलहाल पांचों आरोपित न्यायिक हिरासत में जेल की सलाखों के पीछे बंद हैं। इन पर लगे इल्ज़ाम किसी गैंगवार की तरह साफ-साफ सामने हैं। इनमें फुलवारीशरीफ से पकड़ा गया भागलपुर निवासी शूटर तौशिफ राजा उर्फ बादशाह,बक्सर का कुख्यात विजयकांत पांडेय उर्फ धन्नु उर्फ रुद्र,राजाबाजार का सदमान हसन खान उर्फ निशु,दीघा का हर्ष कुमार और माली टोला, दीघा का भीम कुमार शामिल हैं।ये वही चेहरे हैं जिन पर पुलिस ने ठोस चार्जशीट दाखिल की थी और कोर्ट ने एक-एक बिंदु पर परखते हुए आगे की कार्रवाई का रास्ता साफ कर दिया। अदालत की इस सख्ती ने साफ कर दिया कि इस केस को अब देर करने या लटकाने का मौका नहीं मिलेगा।
मगर असली गुत्थी अब भी अधूरी है, क्योंकि मुख्य आरोपित शेरू सिंह उर्फ ओंकारनाथ सिंह समेत आठ अन्य पर पुलिस की पैनी नज़र बनी हुई है। पटना पुलिस इनके खिलाफ अनुसंधान को तेज़ धार दे रही है। जांच के दायरे में बक्सर के बलवंत कुमार सिंह, रविरंजन सिंह, अभिषेक कुमार, बेगूसराय के शुभम सिंह, बक्सर निवासी राजेश यादव, मोनू कुमार सिंह, और पारस अस्पताल के डॉक्टर पिंटू कुमार सिंह शामिल हैं।
बता दें कि 17 जुलाई को पटना के पारस अस्पताल में इलाज करा रहे चंदन मिश्रा की दिनदहाड़े वारदात कर हत्या कर दी गई थी। गोलीबारी की इस घटना ने न सिर्फ शहर की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि अपराधियों की बेखौफ चाल पर भी मुहर लगा दी।
अब अदालत की सक्रियता और पुलिस की तेज़ रफ्तार जांच से इस मामले की नई परतें खुलने की उम्मीद है। एक ओर आरोपी सलाखों के पीछे हैं, तो दूसरी ओर न्यायपालिका ने साफ संकेत दे दिया है कि “कातिलाना साजिश” में शामिल किसी भी किरदार को बख्शा नहीं जाएगा।