Aiims In Darbhanga: दरभंगा में PM मोदी बोले- स्व. कर्पूरी ठाकुर के सपने को हमने साकार करने की कोशिश की है...मेडिकल की पढ़ाई अब हिंदी में...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया जा रहा है. मेडिक कॉलेज के साथ-साथ एम्स की संख्या बढ़ाई जा रही है. हमारी सरकार की कोशिश है कि अब हिंदी समेत अन्य भारती. भाषाओं में मेडिकल की पढ़ाई हो.

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प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की तस्वीर - फोटो : Self

Aiims In Darbhanga: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दरभंगा में प्रस्तावित सूबे के दूसरे एम्स की आधारशिला रखी. इस मौके पर बिहार के राज्यपाल के अलावे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे. सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश में सबसे बड़ी आबादी गरीब और मध्यम वर्ग की है. बीमारी भी सबसे अधिक इन्हीं वर्गों को प्रभावित करती है. इलाज पर खर्च भी बहुत अधिक होती है. प्रधानमंत्री ने बताया कि स्वास्थ्य पर हमारा कितना फोकस है. बिहार में जबसे नीतीश कुमार ने काम कपना शुरू किया,तब से स्वास्थ्य क्षेत्र में तेजी से काम किए जा रहे हैं. हमारी कोशिश थी कि आंख का एक बड़ा अस्पताल बिहार में हो. मुख्यमंत्री जी बता रहे थे, आंख अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है. नीतीश बाबू के नेतृत्व में बिहार प्रगति कर रहा है. पीएम मोदी ने दरभंगा महाराज को भी याद किया. उन्होंने कहा कि महाराजा कामेश्वर सिंह हम सब लोगों के लिए प्रेरणा श्रोत हैं.

कांग्रेसी सरकारों पर बरसे पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर आयुष्मान भारत योजना नहीं होती तो गरीबों को इलाज नहीं हो पाता, गरीबों की बड़ी चिंता एनडीए सरकार की योजना से दूर हुई है. आयुष्मान योजना से करोड़ परिवारों का सवा लाख करोड रुपए की बचत हुई है. चुनाव के समय मैं आपको गारंटी दी थी कि 70 साल के ऊपर के बुजुर्गों को भी आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा. मैंने यह गारंटी पूरी कर दी है. बिहार में भी 70 साल के ऊपर के जितने भी बुजुर्ग हैं, परिवार की कमाई चाहे जो भी हो, उनके लिए मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू हो गई है. बहुत जल्द सभी बुजुर्गों के पास आयुष्मान कार्ड होगा. छोटे शहरों में भी इलाज की बेहतर सुविधाएं पहुंचाना हमारा लक्ष्य है. चिकित्सकों की कमी दूर करना हमारा लक्ष्य है. आजादी के 60 सालों तक देश में सिर्फ एक ही एम्स था वह भी दिल्ली में. गंभीर बीमारी के लोग दिल्ली एम्स का रुख करते थे. कांग्रेस सरकार के समय जो चार-पांच एम्स बनाने की घोषणा हुई, उनमें ठीक से इलाज नहीं शुरू हो पाई. हमारी सरकार ने अस्पतालों की इन बीमारियों को भी दूर किया. देश के कोने कोने में नए एम्स बनाए हैं. आज देश में दो दर्जन एम्स हैं. 10 सालों में मेडिकल कॉलेज की संख्या भी दोगुनी हुई है.

हिंदी समेत अन्य भाषाओं में मेडिकल की पढ़ाई

पीएम मोदी ने कहा कि दरभंगा एम्स से भी हर वर्ष बिहार के अनेक युवा डॉक्टर बनकर सेवा के लिए निकलेंगे. पहले डॉक्टर बनना हो तो अंग्रेजी आना जरूरी था. मध्यम वर्ग, गरीब के बच्चे अंग्रेजी स्कूल में कहां से पढेंगे, इसलिए हमारी सरकार ने तय किया कि आपको डॉक्टर बनना है या इंजीनियरिंग पढ़ना है,अपनी मातृभाषा में पढ़कर डॉक्टर, इंजीनियर बन सकते हैं. मेरी सरकार का यह काम कर्पूरी ठाकुर की सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है. वह यही सपना हमेशा देखते थे. हमने वह काम कर कर दिखा दिया है. हमने मेडिकल में एक लाख नई सीटें जोड़ी है. आने वाले 5 सालों में 75000 नई सीटें जोड़ने वाले हैं. हमारी सरकार ने एक और नया निर्णय लिया है. हम हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओं में भी मेडिकल की पढ़ाई का विकल्प दे रहे हैं. मकसद है गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवार के बच्चे भी डॉक्टर बन सके.

बिहार के लिए आज का दिन ऐतिहासिक-नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज का दिन बिहार के लिए ऐतिहासिक है. आज दूसरे एम्स निर्माण की शुरूआत हो रही है. हमारे प्रधानमंत्री बिहार आए हैं. मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों से आह्वान किया कि आप सभी लोग हाथ उठाओ और अफने प्रधानमंत्री का अभिनंदन-नमन करो. नीतीश कुमार ने खुद दोनों हाथ उठाया, इसके बाद जनसमूह से भी ऐसा ही करने को कहा. 

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन करता हूं. आज काफी महत्वपूर्ण दिन है. दरभंगा एम्स निर्माण का शिलान्यास प्रधानमंत्री द्वारा किया जा रहा है. दरभंगा में एम्स के निर्माण से बिहार के लोगों को अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी. हम एक बात बताना चाहते हैं, 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल जी के कार्यकाल में पहली बार पटना में एक एम्स निर्माण का निर्णय लिया था. वहां एम्स बन गया. जिसका लाभ बिहार के लोगों को मिल रहा है. दूसरी बार 2015 में ही तय हो गया था कि एक और एम्स बनेगा. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली जी से हम मिले थे. तब हमने कहा था कि पटना में हो गया है अब दरभंगा में होना चाहिए. 2019 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पटना आए थे. उस समय भी हमने कहा कि आप जल्दी से इसको बनवाइए. हमने डीएमसीएच को ही एम्स के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया था. लेकिन किसी कारण से वह स्वीकार नहीं हुआ. तब हमने कहा कि उसी जगह पर यानी दरभंगा में ही एम्स का निर्माण होना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज का भी विस्तार कर रहे हैं. 2500 बेड का बना रहे हैं. पीएमसीएच का भी विस्तार किया जा रहा है और डीएमसीएच का भी विस्तार किया जा रहा है. हमको मालूम है कि जितना हम लोग सोचते हैं उससे बढ़िया ये बनाएंगे. आप सब लोग नमन करिए इनका, हाथ उठाओ सब... प्रधानमंत्री जी आ गए हैं... हाथ उठाकर सभी लोग स्वागत करो.

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