'मनरेगा बचाओ अभियान' का ऐलान': 5 जनवरी से कांग्रेस का राष्ट्रव्यापी महासंग्राम, राहुल गांधी ने नोटबंदी से की तुलना
कांग्रेस ने 5 जनवरी से 'मनरेगा बचाओ अभियान' का ऐलान किया है। CWC की बैठक में कांग्रेस ने शपथ ली कि वे मजदूरों के संवैधानिक हक और मनरेगा की रक्षा के लिए देशभर में बड़ा आंदोलन करेंगे
New Delhi : कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में आज केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की है कि पार्टी आगामी 5 जनवरी से देशव्यापी 'मनरेगा बचाओ अभियान' शुरू करेगी। कांग्रेस ने इस योजना को मजदूरों का संवैधानिक अधिकार बताते हुए इसकी रक्षा के लिए आखिरी दम तक लड़ने की शपथ ली है।
CWC बैठक में कांग्रेस का बड़ा संकल्प
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अहम बैठक में आज पार्टी ने मनरेगा (MGNREGA) योजना को केंद्र में रखकर बड़े आंदोलन का फैसला लिया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मनरेगा केवल एक योजना नहीं है, बल्कि यह करोड़ों ग्रामीणों और मजदूरों को संविधान के माध्यम से मिला 'काम का अधिकार' है। कांग्रेस इस अधिकार को कमजोर करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी।
5 जनवरी से शुरू होगा 'मनरेगा बचाओ अभियान'
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्विटर (X) के माध्यम से देश को सूचित किया कि कांग्रेस पार्टी 5 जनवरी से सड़कों पर उतरेगी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य मनरेगा के बजट में हो रही कटौती और मजदूरों के भुगतान में हो रही देरी जैसे मुद्दों को उठाना है। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि वह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली इस योजना के अस्तित्व की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि CWC बैठक में नेताओं ने शपथ ली है कि इस कानून को बचाने के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष किया जाएगा.
खड़गे ने कहा, “MNREGA सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि संविधान द्वारा दिया गया काम का अधिकार है. कोविड काल में इस योजना ने करोड़ों लोगों को रोज़गार और आजीविका दी. अगर MNREGA नहीं होता, तो लाखों लोगों की जान जा सकती थी. यह योजना पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की दूरदर्शिता का परिणाम है और संसद में CAG समेत कई एजेंसियों ने इसकी प्रभावशीलता को स्वीकार किया है."
सरकार पर संवैधानिक अधिकारों के हनन का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने सीधे तौर पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार गरीबों के हक को छीनने की कोशिश कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मनरेगा करोड़ों परिवारों की रोजी-रोटी का सहारा है और इसे बचाना अब एक संवैधानिक जिम्मेदारी बन गई है। खड़गे ने 'जय संविधान, जय हिंद' के नारे के साथ कार्यकर्ताओं को इस महासंग्राम के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
राहुल गांधी ने MNREGA का नाम बदलने के फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “यह फैसला सीधे PMO से लिया गया है. संबंधित मंत्री से भी कोई चर्चा नहीं की गई. यह संघीय ढांचे पर हमला है.”
नोटबंदी से राहुल गांधी ने की तुलना
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्यों से उनका पैसा और निर्णय लेने का अधिकार छीन रही है, जिससे सत्ता का केंद्रीकरण हो रहा है. उन्होंने कहा, “MNREGA एक अधिकार आधारित विकास मॉडल था, जिसकी दुनिया भर में सराहना हुई. इसे प्रधानमंत्री ने अकेले दम पर खत्म कर दिया, ठीक वैसे ही जैसे नोटबंदी की गई थी.”
उन्होंने आरोप लगाया कि MNREGA को कमजोर करने का मकसद गरीबों से पैसा छीनकर बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना है. उन्होंने कहा, “इस फैसले से आदिवासी, दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक और गरीब सामान्य वर्ग को भारी नुकसान होगा, जबकि इसका पूरा फायदा अरबपतियों को मिलेगा.”