दिल्ली में सामूहिक आत्महत्या: मां और दो बेटों के शव फंदे से लटके मिले, सुसाइड नोट में डिप्रेशन का जिक्र, जानें कौन था मरनेवाला परिवार
दिल्ली के कालकाजी में एक ही परिवार के तीन सदस्यों (मां और दो बेटे) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। कोर्ट के आदेश पर घर खाली कराने पहुंची टीम ने जब डुप्लीकेट चाबी से दरवाजा खोला, तो अंदर का मंजर देख सन्न रह गई।
New Delhi - राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कालकाजी इलाके में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहाँ एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली। मृतकों में मां और उसके दो बेटे शामिल हैं। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिससे पता चला है कि परिवार लंबे समय से मानसिक तनाव (डिप्रेशन) से जूझ रहा था।
कोर्ट के आदेश पर घर पहुंची थी टीम
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना का खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार दोपहर करीब 2:47 बजे एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई। दरअसल, कोर्ट के कब्जे के आदेश (Possession Order) का पालन कराने के लिए कोर्ट का एक बेलिफ स्थानीय पुलिस टीम के साथ उस किराए के मकान पर पहुंचा था।
दरवाजे पर बार-बार दस्तक देने के बावजूद जब अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, तो अनहोनी की आशंका हुई। इसके बाद डुप्लीकेट चाबी का इस्तेमाल कर घर का दरवाजा खोला गया। अंदर प्रवेश करते ही टीम ने तीनों को पंखे से लटका हुआ पाया।
मृतकों की पहचान
आत्महत्या करने वाले परिवार की पहचान कपूर परिवार के रूप में हुई है। मृतकों में शामिल हैं: अनुराधा कपूर (52 वर्ष) - मां, आशीष कपूर (32 वर्ष) - बेटा, चैतन्य कपूर (27 वर्ष) - बेटा
डिप्रेशन बनी वजह
पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है। शुरुआती जांच और नोट के आधार पर पुलिस ने बताया कि यह परिवार काफी समय से डिप्रेशन का सामना कर रहा था, जिसके चलते उन्होंने यह चरम कदम उठाया।
जांच जारी
पुलिस ने तीनों शवों को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए एम्स (AIIMS) की मोर्चरी में रखवा दिया है। मामले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 194 के तहत कार्यवाही शुरू कर दी गई है। फॉरेंसिक टीम और पुलिस घटनास्थल से सबूत जुटा रही है ताकि आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच की जा सके।