सरस्वती माता की आरती

पूजाके अन्तमें आरती की जाती है। पूजनमें जो त्रुटि रह जाती है, आरतीसे उसकी पूर्ति होती है। सरस्वती माता की आरती

सरस्वती माता की आरती- फोटो : social Media

सरस्वती माता का ध्यान मंत्र 

या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। 

या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा पूजिता सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा ॥


आरती जय सरस्वती माता की

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। 

सद्‍गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ 

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।

चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी। 

सोहें शुभ हंस सवारी, अतुल तेजधारी ॥

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।

बाएं कर में वीणा, दाएं कर में माला। 

शीश मुकुट मणी सोहें, गल मोतियन माला ॥ 

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।

देव शरण आए, उनका उद्धार किया। 

पैठी मंथरा दासी, रावण संहार किया ॥ 

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।

वेद- ज्ञान- प्रदायिनी, बुद्दि- प्रकाश करो। 

मोहाज्ञान, तिमिर का सत्वर नाश करो ॥

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।

धूप-दीप-फल-मेवा- पूजा स्वीकार करो। 

ज्ञानचक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो ॥ 

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।

मां सरस्वती की आरती जो कोई जन गावें। 

हितकारी, सुखकारी, ज्ञान भक्ति पावें ॥ 

ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता।

 जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता । 

सद्‍गुण वैभवशालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥