Bihar Teacher News:ACS सिद्धार्थ ने अब इन शिक्षकों को दे दी बड़ी खुशखबरी, अब कुछ दिन और इंतजार खत्म
अपर मुख्य सचिव ने स्थानांतरित शिक्षकों से विनम्र अपील की है कि वे अपनी पदस्थापना के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अनावश्यक चक्कर न लगाएं।...
Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने, 'शिक्षा की बात-हर शनिवार' कार्यक्रम में संबोधित करते हुए, एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा कि स्थानांतरित किए गए सभी एक लाख 30 हजार शिक्षकों को 20 जून तक नए विद्यालयों का आवंटन कर दिया जाएगा, और इन शिक्षकों को 30 जून से पहले अपने नवीन कार्यस्थल पर योगदान करना होगा। यह प्रक्रिया वर्तमान में द्रुत गति से संचालित की जा रही है, जिससे शिक्षकों को बिना किसी विलंब के नए दायित्व संभालने में सहायता मिलेगी।
डॉ. सिद्धार्थ ने इस बात पर विशेष बल दिया कि स्थानांतरित शिक्षकों को अब अपने पुराने विद्यालयों से स्वयं को विरमित करने की आवश्यकता नहीं है। जैसे ही वे अपने नए विद्यालय में योगदान देंगे, वे पुराने विद्यालय से स्वतः विरमित मान लिए जाएंगे। यह प्रक्रियात्मक सरलता शिक्षकों के लिए सुगम संक्रमण सुनिश्चित करेगी।
अनावश्यक भ्रमण से बचें: पारदर्शिता की अपील
अपर मुख्य सचिव ने स्थानांतरित शिक्षकों से विनम्र अपील की है कि वे अपनी पदस्थापना के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अनावश्यक चक्कर न लगाएं। उन्होंने आश्वस्त किया कि पूरी पारदर्शिता के साथ स्थानांतरित शिक्षकों को विद्यालय आवंटित किया जा रहा है, जिससे किसी भी प्रकार के अनुचित हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं रहेगी।
शिक्षण-अधिगम को सुदृढ़ करने के अन्य प्रयास
डॉ. सिद्धार्थ ने यह भी सुनिश्चित किया कि गर्मी की छुट्टियां समाप्त होते ही बच्चों को उनकी पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएंगी। उन्होंने इस बात की समीक्षा करने की भी घोषणा की कि पुस्तकें समय पर क्यों नहीं मिलीं, जिससे भविष्य में ऐसी त्रुटियों से बचा जा सके।
उन्होंने विद्यालयों को निर्देश दिया कि 'स्टूडेंट ऑफ द वीक' के लिए चुने गए बच्चों को उनके अभिभावकों के समक्ष पुरस्कृत किया जाए, ताकि यह पहल उनके आत्मविश्वास को बढ़ाए और उन्हें और अधिक प्रोत्साहित करे।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि छुट्टी से पहले ही बच्चों को गृहकार्य उपलब्ध करा दिया गया है और इसे विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। उन्होंने बच्चों से अपील की कि वे फिलहाल अपने माता-पिता के साथ छुट्टियों का आनंद लें और घूमने जाएं। जो बच्चे यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, वे स्कूलों में लगाए गए समर कैंप का लाभ उठा सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि बच्चे अपनी छुट्टियों का सदुपयोग करते हुए ज्ञानार्जन की प्रक्रिया से भी जुड़े रहें।