Bihar Teacher News:बिहार में शिक्षकों के फर्जीवाड़े की खुली ब्लैक डायरी, 72 हजार शिक्षकों पर निगरानी का शिकंजा, नौकरी गई तो वसूली जाएगी सैलरी भी, बचने का नहीं है कोई रास्ता

Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी स्कूलों में तैनात 72,287 शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर अब तक की सबसे सख्त और निर्णायक जांच शुरू होने जा रही है।

बिहार में शिक्षकों के फर्जीवाड़े की खुली ब्लैक डायरी- फोटो : Meta

Bihar Teacher News: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में वर्षों से छिपा सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा अब कानून के रडार पर है। सरकारी स्कूलों में तैनात 72,287 शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर अब तक की सबसे सख्त और निर्णायक जांच शुरू होने जा रही है। इस हाई-प्रोफाइल जांच की कमान सौंपी गई है निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को, जिसे अपराध की दुनिया में सरकारी घोटालों का एक्स-रे माना जाता है।

जांच में शिक्षकों के जाति, आधार, आय, शैक्षणिक योग्यता, प्रशिक्षण और अन्य अनिवार्य प्रमाण पत्रों को खंगाला जाएगा। यदि किसी भी दस्तावेज में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया, तो शिक्षक की सेवा तत्काल समाप्त, अब तक ली गई पूरी सैलरी और सरकारी सुविधाएं ब्याज सहित वसूल, और ऊपर से आपराधिक मुकदमा यानी बचने का कोई रास्ता नहीं।

यह ऑपरेशन खासतौर पर 2006 से 2015 के बीच नियुक्त नियोजित शिक्षकों पर केंद्रित है। हैरानी की बात यह है कि विभागीय स्तर पर सात बार जांच हुई, लेकिन हर बार फाइलें घूमती रहीं और सच दबता रहा। अब सरकार ने सीधा वार करते हुए मामला निगरानी ब्यूरो को सौंप दिया है।

जांच में सबसे बड़ा शक 53,894 शिक्षकों की हाईस्कूल-इंटर मार्कशीट पर है। शेष 18,393 के बीएड, बीटीसी, बीए, दिव्यांग और जाति प्रमाण पत्र भी रडार पर हैं। बिहार बोर्ड से लेकर संस्कृत, मदरसा बोर्ड और राज्य के बड़े विश्वविद्यालयों तक के हजारों प्रमाण पत्र खंगाले जाएंगे।

सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह है कि सक्षमता परीक्षा और TRE-1, 2, 3 पास कर राज्यकर्मी बने शिक्षक भी सुरक्षित नहीं हैं। अनुमान है कि 40 हजार से अधिक शिक्षक फर्जी दस्तावेजों के दम पर राज्यकर्मी बने। निगरानी की प्रारंभिक रिपोर्ट में 420 आपराधिक मामलों की आशंका है, जबकि 106 FIR पहले ही दर्ज हो चुकी हैं।

शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का साफ संदेश है कि फर्जीवाड़े पर जीरो टॉलरेंस। अब यह जांच तय करेगी कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था में कितनी गहरी सेंध शिक्षा के अपराधियों ने लगाई थी।