NIRF रैंकिंग 2025 के लिए 7692 शिक्षण संस्थानों ने किया आवेदन, जानें बिहार के कितने संस्थानों ने लिया भाग, आंकड़े देख चौंक जाएंगे आप

एनआईआरएफ इंडिया रैंकिंग 2025 के लिए 7692 शिक्षण संस्थानों ने आवेदन किया है, जिसमें बिहार के 250 से अधिक संस्थान शामिल हैं। रैंकिंग में नए पैरामीटर भी जोड़े गए हैं, जैसे सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग।

NIRF Ranking 2025- फोटो : SOCIAL EMEDIA

NIRF India Ranking 2025: नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के तहत इस बार रैंकिंग के 10वें संस्करण के लिए 7692 शिक्षण संस्थानों ने आवेदन किया है, जो पिछले साल के 6517 संस्थानों से अधिक है। इसमें बिहार के 250 से अधिक संस्थानों ने भी भाग लिया है। इस साल रैंकिंग में नए पैरामीटर, जैसे सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग, भी जोड़े गए हैं, जो उच्च शिक्षा संस्थानों के पर्यावरण और सामाजिक प्रभाव को ध्यान में रखेगा।

बिहार से 250 से अधिक संस्थानों ने किया आवेदन

बिहार के 250 से अधिक शिक्षण संस्थानों ने एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए आवेदन किया है। इनमें से 65 से अधिक संस्थान ओवरऑल श्रेणी में हैं, जबकि 155 से अधिक कॉलेजों ने कॉलेज श्रेणी में आवेदन किया है। इसके अलावा:

इंजीनियरिंग: 15 से अधिक संस्थान

मैनेजमेंट: 15 से अधिक संस्थान

फार्मेसी: 5 संस्थान

कृषि: 2 संस्थान

नए पैरामीटर: सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग

इस बार एनआईआरएफ रैंकिंग में सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग को भी जोड़ा गया है। इसमें उन संस्थानों को रैंक किया जाएगा, जो पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों पर बेहतरीन काम कर रहे हैं। इस कदम से शिक्षा क्षेत्र में पर्यावरण और सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति संस्थानों का योगदान महत्वपूर्ण हो जाएगा।

जून में जारी होगी रैंकिंग

एनआईआरएफ रैंकिंग 2025 का परिणाम जून में घोषित किया जाएगा। रैंकिंग में ओवरऑल, यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, फार्मेसी, लॉ, मैनेजमेंट और अन्य श्रेणियों में टॉप 100 संस्थानों को स्थान दिया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में आईआईटी संस्थानों का ओवरऑल कैटोगरी में दबदबा रहा है, जबकि मेडिकल और फार्मेसी श्रेणी में एम्स शीर्ष स्थान पर बना रहता है।

NIRAF रैंकिंग 2025

NIRAF रैंकिंग 2025 में बिहार के 250 से अधिक संस्थानों ने हिस्सा लिया है, और नए पैरामीटर जैसे सस्टेनेबिलिटी रैंकिंग के साथ इस साल की रैंकिंग और भी प्रतिस्पर्धी होगी। जून में आने वाली इस रैंकिंग से यह तय होगा कि कौन से संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं।